फाजिल्का में रोडवेज कर्मचारियों का हंगामा, कई राज्यों की बस सेवाएं बाधित!

फाजिल्का में आज पंजाब बंद के कारण पंजाब रोडवेज कर्मचारियों ने बस स्टैंड पर धरना प्रदर्शन किया। सुबह 7 बजे से पहले निकली बसों को रास्ते में ही रोक दिया गया। इस आंदोलन के चलते फाजिल्का से पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों को जाने वाली 10 से अधिक बस रूटों की सेवाएं पूरी तरह से ठप रही। पंजाब रोडवेज पनबस कांटेक्ट वर्कर यूनियन के नेता रविंद्र सिंह ने बताया कि पंजाब में किसान द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया जा रहा है और उनकी मांगों को लेकर भी यह रोष प्रदर्शन किया जा रहा है।

धरनास्थल पर उपस्थित लोगों ने जोरदार नारेबाजी की और अपनी मांगों के बारे में स्पष्ट किया कि वे किसानों के साथ खड़े हैं। रविंद्र सिंह ने कहा कि फाजिल्का पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के सीमावर्ती इलाके में स्थित है, जहां से हर सुबह चिंतपूर्णी के लिए हिमाचल की बस सेवा चलती है। इस बंद के कारण फाजिल्का से हरियाणा और राजस्थान के लिए भी चलने वाली सभी बसों का संचालन प्रभावित हुआ है।

इस बीच, फाजिल्का-फिरोजपुर मोनोपली रूट पर भी बस सेवाएं ठप रहीं। उन्होंने बताया कि आज बस सेवा के ठप होने के कारण इलाके के लोगों से अपार सहयोग मिला है। ये लोग समझते हैं कि इस समय उनकी भूमिका किसान आंदोलन के बहाने महत्वपूर्ण है। सुबह 7 बजे से पहले की बसों में भी सवारी संख्या काफी कम थी, लेकिन जो बसें चलने में सफल रहीं, उन्हें भी आगे जाकर रोका गया।

किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी मुख्य मांगें हैं, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कृषि कानूनों की वापसी, और अन्य मांगें शामिल हैं। सरकार के साथ वार्ता के लिए उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। फाजिल्का के लोगों ने भी इस आंदोलन के लिए समर्थन दिया है, क्योंकि यह उनके अधिकारों और भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

फाजिल्का के इस धरने में भाग लेने वाले कर्मचारियों और किसानों के उत्पीड़न का विरोध करते हुए यह दर्शाता है कि आंदोलन के प्रति आम जनता की जागरूकता बढ़ी है। फाजिल्का से होकर गुजरने वाले विभिन्न मार्गों पर बसों का ठप होना इस बात का संकेत है कि यह आंदोलन स्थानीय स्तर पर भी व्यापक रूप से फैल रहा है। इसमें शामिल सभी लोग एक जुट होकर अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए कब कदम उठाएगी।