हरियाणा की 102 खाप पंचायतों ने केंद्र सरकार को एक गंभीर अल्टीमेटम दिया है, जिसमें उनसे जगजीत डल्लेवाल के साथ बातचीत करने का आग्रह किया गया है। बास गांव में आयोजित खाप पंचायत में तय किया गया कि सरकार यदि 9 जनवरी तक कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो उसी दिन मुजफ्फरनगर में सभी खापों की एक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इस महापंचायत में शामिल खाप प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि किसानों के एकजुट होने तक वे किसान आंदोलन को समर्थन नहीं देंगे।
खाप प्रतिनिधियों ने कहा है कि यदि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा साझी एकता के लिए किसी बैठक का आयोजन करते हैं, तो खापों की 18 सदस्यों की कमेटी इसे सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास करेगी। इस बैठक में कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे, जिनमें उमेद सिंह (सरपंच रिठाल), जयपाल दहिया (दहिया खाप के प्रधान), सतीश (सतरोल खाप के प्रतिनिधि), ओम प्रकाश (कंडेला खाप के प्रतिनिधि) और अन्य शामिल थे।
पिछले 10 महीनों से पंजाब के दो किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के सिलसिले में किसान नेता जगजीत डल्लेवाल 34 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। इसके पहले, किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि उन्होंने इस आंदोलन को शुरू करने से पहले 14 बार बैठकों का आयोजन किया, लेकिन कोई भी संगठन सहयोग के लिए आगे नहीं आया। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा में भी किसानों के बीच एकजुटता का माहौल बन रहा है।
कांग्रेस नेता पहलवान बजरंग पूनिया ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका काम किसानों में विघटन पैदा करना और आंदोलन को तोड़ना है। उन्होंने सभी किसान संगठनों से अपील की है कि वे आपस में बैठकर वार्ता करें और मतभेदों को दूर करें। उनका मानना है कि यदि किसानों को अपने हक के लिए लड़ाई जीतनी है, तो उन्हें सामूहिक रूप से एकजुट होना होगा।
इस महापंचायत के दौरान खाप प्रतिनिधियों ने अपने मुद्दों को उठाया और किसानों की एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहा, “किसान संगठन यदि साथ आएंगे, तो हम मिलकर अधिक प्रभावशाली तरीके से अपनी मांगें उठाने में सक्षम होंगे।” इस दौरान हुई सभी चर्चाएं और निर्णय किसानों के आंदोलन के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे। हरियाणा में किसानों की स्थिति और उनके आंदोलन में एक नई दिशा लाने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।