मोहाली जिले के खरड़ क्षेत्र में एक विधवा महिला के साथ फर्जीवाड़ा किए जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि गुरमेल सिंह नाम के एक व्यक्ति ने विधवा महिला की जमीन के गलत दस्तावेज तैयार कर उसे बेचा और लाखों रुपए की ठगी की। इस गंभीर मामले में एसएसपी मोहाली के आदेश पर गुरमेल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
खरड़ निवासी नरमिंदर कौर ने बताया कि उनके पति का निधन हो चुका है और वे अकेली रहती हैं। नरमिंदर ने अपनी संपत्ति, जो कि गांव खानपुर में स्थित है, को बेचने का निर्णय लिया। इसी सिलसिले में उनकी मुलाकात गुरमेल सिंह से हुई, जिसने खुद को एक प्रॉपर्टी डीलर बताया। उसने न केवल महिला को आश्वासन दिया कि वह उनकी जमीन खरीदने में दिलचस्पी रखता है, बल्कि यह भी कहा कि वह अपने कुछ साथी निवेशकों के साथ मिलकर यह खरीदारी करेगा। इसके बाद, गुरमेल सिंह ने शिवदेव सिंह नामक एक व्यक्ति को महिला का रिश्तेदार बताते हुए, उसकी जमीन की रजिस्ट्री शिवदेव के नाम पर करा दी।
सौदा पूरा होने के बाद जब शिवदेव सिंह ने महिला के घर जाकर कहा कि वह जमीन पर निर्माण कार्य करना चाहता है, तो वहां एक नई मुसीबत खड़ी हो गई। शिवदेव ने बताया कि कुछ लोग इस निर्माण का विरोध कर रहे हैं और उनके पास इस जमीन पर बयाना दर्ज है। हालात को देखते हुए नरमिंदर कौर ने पुलिस में शिकायत की। जांच के दौरान, डीएसपी ने महिला को बुलाया और वहां मौजूद नरेश कुमार तथा अन्य लोगों ने बयाना से संबंधित दस्तावेज पेश किए। जांच में पाया गया कि इस पर महिला के हस्ताक्षर फर्जी थे, और उसने इन लोगों से कभी संपर्क नहीं किया था।
पुलिस ने मामले की जांच में महिला के कॉल डिटेल्स और हस्ताक्षरों की गहनता से जांच की। इस दौरान स्पष्ट हुआ कि नरेश कुमार और अन्य व्यक्तियों के साथ महिला का किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं था। गुरमेल सिंह ने गलत दस्तावेज बनवाकर भूमि के बयाने को नरेश कुमार और अन्य के नाम पर दिखाया। इसके अलावा, उसने भूमि की विक्री से हासिल की गई राशि 16,25,000 रुपए भी महिला के खाते में डलवा दी और फिर उन पैसों को वापस निकाल लिया।
पुलिस ने गुरमेल सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है और जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी गहराई से जांच की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या और भी लोग इस जाल में शामिल हैं। यह घटना महिलाओं और विधवाओं के प्रति सुरक्षा की आवश्यकता पर एक गंभीर प्रश्न उठाती है, और आगे की जांच में यह देखा जाएगा कि इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के लिए कैसे उपाय किए जा सकते हैं।