पंजाब के अमृतसर में मंगलवार की सुबह को इस्लामाबाद थाने में एक विस्फोट की घटना सामने आई है। यह विस्फोट तड़के 3.15 बजे हुआ, जिसके बाद पुलिस ने फौरन थाने के गेट बंद कर दिए। दिलचस्प बात यह है कि पुलिस ने इस घटना को एक विस्फोट मानने से इनकार कर दिया है। इस विस्फोट की सूचना मिलते ही क्षेत्र में सेना भी आई, लेकिन वह केवल 15 मिनट के अंदर लौट गई। अब पुलिस और स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) टीम थाने के आसपास इस मसले की गंभीरता से जांच कर रही है।
विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाले गैंगस्टर जीवन फौजी का सोशल मीडिया पर एक ऑडियो और पोस्ट सामने आया है, जिसमें वह इस हमले को अपनी यथार्थता बताता है। वायरल ऑडियो में जीवन फौजी कहता है, “यह हमला पुलिस और पंजाब सरकार को दी गई सीधी चेतावनी है। हमसे जो अन्याय किया गया है, उसका जवाब देने का समय आ गया है।” उसका यह बयान दर्शाता है कि वह किसी प्रकार की भयभयता में नहीं है और इसे केवल एक शुरुआत मानता है। जीवन फौजी, खालिस्तानी आतंकवादी हैप्पी पासियां के साथ जुड़े गैंग का सदस्य है।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुछ तत्व अपनी पकड़ दिखाने के लिए ये विस्फोट करवा रहे हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि थाने में कोई नुकसान नहीं हुआ है और हमले के प्रकार की जांच अभी जारी है। भुल्लर ने पहले ही कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिन पर UAPA जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनका मानना है कि ये हमले एक बड़े आतंकी मॉड्यूल की गतिविधियों का हिस्सा हैं।
इससे पहले भी अमृतसर में कई विस्फोट हो चुके हैं, जैसे कि 4 दिसंबर को मजीठा थाने में धमाका हुआ था, जिसमें खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। उस समय भी पुलिस ने इसे एक सामान्य घटना बताने की कोशिश की थी। इसी तरह, 28 नवंबर को भी अमृतसर के गुरबख्श चौकी में एक विस्फोट हुआ था, और इन घटनाओं की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकियों ने ली थी। इससे पूर्व, अजनाला थाने के बाहर रखा गया IED भी तकनीकी खराबी के चलते न फटने की वजह से एक बड़े हादसे से बच गया था।
एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने हाल ही में पंजाब पुलिस को इस प्रकार के आतंकी हमलों के प्रति सावधान किया था। रिपोर्ट में निर्दिष्ट किया गया था कि खालिस्तानी आतंकवादी 1984 में इस्तेमाल किए गए तकनीकी तरीकों को अपनाकर हमले कर रहे हैं। इन आतंकवादी गतिविधियों के चलते केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां अत्यधिक सतर्कता बरत रही हैं। अब देखना यह है कि क्या पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इन हमलों के पीछे के आतंकियों का पर्दाफाश करने में सफल हो पाएंगी या नहीं।