भगत सिंह की प्रतिमा पर बवाल: भाजपा का आरोप, सरकार कर रही है शहीद का अपमान!

चंडीगढ़ के शहीद-ए-आजम भगत सिंह एयरपोर्ट पर भगत सिंह की प्रतिमा के उद्घाटन को लेकर पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार को 72 घंटे के भीतर इस प्रतिमा का उद्घाटन करने का अल्टीमेटम दिया है, जिसे आज (1 दिसंबर) समाप्त होना है। भाजपा के नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी (आप) के पास अब केवल एक दिन का समय है, जबकि आप पार्टी ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि भाजपा का असली चेहरा पंजाब विरोधी है। इससे पहले, भाजपा एयरपोर्ट के नाम को शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने के पक्ष में नहीं थी, और अब उद्घाटन को लेकर सियासत कर रही है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने प्रयासों से एयरपोर्ट का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर रखा है और वहां उनकी 35 फुट ऊंची प्रतिमा भी लगाई गई है। यह प्रतिमा भगत सिंह के जन्मदिन पर स्थापित की गई थी। मालविंदर सिंह कंग, जो श्री आनंदपुर साहिब के सांसद हैं, ने इस संदर्भ में भाजपा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में भाजपा शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर सत्ता में थी, लेकिन तब वह एयरपोर्ट के नाम को भगत सिंह के नाम पर नहीं रखने के लिए हंगामा कर रही थी। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा का इरादा सदैव भगत सिंह की विरासत को कमजोर करना रहा है।

भाजपा की ओर से स्थिति और भी अजीब हो गई है जब उन्होंने शुक्रवार को पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दिया कि छह महीने से पर्दे में लिपटी इस प्रतिमा को जल्द से जल्द जनता के सामने लाया जाए। भाजपा नेता हर्षवर्धन चौहान ने घोषणा की कि यदि सोमवार सुबह तक इस पर से पर्दा नहीं हटाया गया, तो वे युवाओं के साथ मिलकर इसका उद्घाटन करेंगे। इस प्रकार, यह राजनीति का एक नया अध्याय बनता दिख रहा है, जिसमें भगत सिंह जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी की स्मृति को लेकर सियासत की जा रही है।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने बताया कि हाल ही में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण इस कार्य में देरी हुई। उनका कहना है कि इसके लिए भाजपा को जमकर आलोचना करनी चाहिए। उन्होंने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया कि वह हमेशा से ही भगत सिंह की विरासत के खिलाफ काम करती रही है और अब इस प्रतिमा के माध्यम से एक ड्रामा करने की कोशिश कर रही है। इस प्रकार, इस मुद्दे पर राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है, जिसमें सभी दल अपनी-अपनी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान कब इस प्रतिमा का औपचारिक उद्घाटन करते हैं और भाजपा का अल्टीमेटम कितना प्रभावी साबित होता है। इस बीच, पंजाब की राजनीति में भगत सिंह की विरासत पर चल रही सियासत ने एक नई दिशा पकड़ ली है, जिससे आम जनता में एक अलग तरह की जागरूकता और चर्चा शुरू हो गई है। यह घटनाक्रम राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन गया है, खासकर आगामी चुनावी परिप्रेक्ष्य में।