सरकारी तालाब की बंदोबस्ती में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता : मंत्री

सरकारी तालाब की बंदोबस्ती में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता : मंत्री

रांची, 16 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सरकारी तालाबों की बंदोबस्ती को पंचायत स्तर पर ही सीमित करने का निर्देश दिया है। अब संबंधित पंचायत के लोग ही इन तालाबों की नीलामी में भाग ले सकेंगे। दूसरे जिले के व्यक्तियों को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संबंध में जल्द ही एक नई नियमावली तैयार की जाएगी। मंत्री ने सोमवार को रांची में मत्स्य निदेशालय केंद्र, मछली पार्क और धुर्वा स्थित मत्स्य अनुसंधान केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था और गंदगी देखकर मंत्री नाराज हुईं और दस दिनों के भीतर सुधार लाने का सख्त निर्देश दिया।

मंत्री शिल्पी ने कहा कि पंचायत स्तर पर सरकारी तालाबों की बंदोबस्ती स्थानीय कॉपरेटिव सोसाइटी को दी जाएगी। इससे मछलीपालन के जरिए स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कॉपरेटिव सोसाइटी के लिए आवश्यक 300 लोगों की अनिवार्यता में संशोधन किया जाए ताकि छोटे समूह भी इस प्रक्रिया में भाग ले सकें। राज्य में लगभग 12,580 सरकारी तालाब हैं, जिनमें से 1,000 तालाब रांची जिले में स्थित हैं। मंत्री ने जिलावार तालाबों का आंकड़ा भी मांगा है।

मंत्री ने बताया कि जेएसएलपीएस से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों को मछलीपालन से जोड़ा जाएगा। रांची और हजारीबाग जिलों में महिला समूहों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को मछलीपालन में दक्ष बनाया जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

औचक निरीक्षण के दौरान मत्स्य निदेशालय केंद्र और अनुसंधान केंद्र में फैली गंदगी और कुव्यवस्था को देखते हुए मंत्री ने अधिकारियों को कार्यसंस्कृति सुधारने का निर्देश दिया। उन्होंने अनुपस्थित कर्मियों पर सख्ती बरतने की बात कही। इस साल 2,500 लाख मछली जीरा वितरण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक सिर्फ 1,646 लाख जीरा का ही वितरण हो सका है। मंत्री ने इस लक्ष्य को पूरा करने और इसकी रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

धुर्वा स्थित मत्स्य अनुसंधान केंद्र में चल रहे प्रशिक्षण के दौरान मंत्री ने किसानों और महिलाओं से बातचीत की। उन्होंने मछलीपालन को एक मजबूत रोजगार का साधन बताते हुए इसे अपनाने की सलाह दी। झारखंड सरकार मछलीपालन को बढ़ावा देकर ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृतसंकल्पित है।

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