मोहाली की सड़कों पर कल हंगामा: किसान करेंगे प्रदर्शन, परीक्षाएं रद्द, आपात सेवाएं जारी

30 दिसंबर को पंजाब में प्रस्तावित बंद के तहत मोहाली में सुबह 7 बजे से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के पास रेलवे पुल के निकट किसान नेताओं और विभिन्न सामाजिक व धार्मिक जत्थेबंदियों के सदस्य एकत्रित होंगे। इस आयोजन के दौरान, प्रदर्शनकारियों द्वारा हाईवे को बाधित किया जाएगा, साथ ही रेलवे ट्रैक पर भी अवरोध उत्पन्न करने की योजना है। किसान नेता तेजबीर सिंह इस आंदोलन की तैयारियों के लिए मोहाली पहुंच चुके हैं और उन्होंने बंद की सफलता के लिए रणनीति विकसित की है। उन्होंने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है।

मोहाली एयरपोर्ट क्षेत्र को प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है, जोकि यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्ध स्थान माना जा रहा है। यहां से गुजरने वाली रेल लाइन हिमाचल और पंजाब के कई प्रमुख शहरों, जैसे लुधियाना, जालंधर और अमृतसर को जोड़ती है। इसके अलावा, इस फ्लाईवे के माध्यम से एयरपोर्ट और पटियाला तक भी पहुंच संभव है। हालांकि, यह केवल मोहाली नहीं है, बल्कि राज्य के अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। प्रदेश के व्यापार मंडल और अन्य संगठनों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है।

किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि 30 दिसंबर को होने वाली परीक्षाएं अब 31 दिसंबर को आयोजित की जाएंगी, ताकि शिक्षण संस्थानों में किसी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो। इसके साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस बंद के दौरान इमरजेंसी सेवाएं, जैसे एम्बुलेंस, अग्निशामक सेवा तथा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले यात्रियों को पूर्ण स्वतंत्रता दी जाएगी। यदि किसी विद्यार्थी का परीक्षा का दिन है, तो उन्हें भी बाधित नहीं किया जाएगा। इस संबंध में वालंटियरों को पहले से ही मार्गदर्शन किया गया है, ताकि वे सही तरीके से अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें।

इस सब के बीच, मुख्यमंत्री और प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी प्रकार की हानि न पहुंचाएं। क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों ने 30 दिसंबर को निर्धारित सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी भी शामिल है। इसके परिणामस्वरूप, अब 31 दिसंबर को परीक्षा आयोजित की जाएगी। किसानों का यह आंदोलन एक बार फिर से राज्य में राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को प्रभावित करने का कार्य कर सकता है, ऐसे में यह देखना होगा कि प्रदर्शन के दौरान जन जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

किसानों के लगातार आंदोलनों और उनकी मांगों को लेकर प्रशासन की प्रतिक्रिया का भी ध्यान रखा जाएगा। यह दिन पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा। 30 दिसंबर का बंद न केवल पंजाब के किसानों के लिए, बल्कि राज्य की राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना बन कर उभरेगा।