बठिंडा में हुए एक दुखद बस हादसे ने फाजिल्का जिले के जंड़वाला मीरा सांगला गांव में गहरा शोक व्यापत कर दिया है। इस हादसे में 17 वर्षीय रवनीत कौर की मौत हो गई, जो तलवंडी साबो के एक कॉलेज में 12वीं कक्षा की छात्रा थी। रवनीत अपने छोटे भाई के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए घर लौट रही थी। दुर्भाग्यवश, उसकी यात्रा के दौरान उसकी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे उसकी जीवन की महिलाओं ने एक बड़ा आघात पाया है।
हादसे के वक्त, रवनीत अपनी सहेलियों के साथ थी और जब उसे रोडवेज बस नहीं मिली, तो उसने एक प्राइवेट बस पकड़ी। परिवार के सदस्यों ने बताया कि बठिंडा में उसके तायें के बेटे ने उसे लेने का इंतजार कर रहा था। रवनीत के ताया, बलविंदर सिंह, और कुलविंदर सिंह ने बताया कि उनकी भतीजी पढ़ाई में अव्वल थी और उन सबकी उम्मीदें उसी पर थीं। जब उन्हें इस हादसे के बारे में पता चला, तो उनका सुखी परिवार अचानक शोक में बदल गया।
मृतका के परिवार ने इस दर्दनाक घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना था कि अगर सरकार ने समय रहते पुलों की स्थिति को लेकर कोई कदम उठाया होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था। परिवार ने मांग की कि इस मामले की ठीक से जांच की जाए और ऐसे हादसों में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों की सहायता की जाए। रवनीत के एक रिश्तेदार ने कहा कि यह सब एक असहनीय स्थिति में बदल गया है, क्योंकि रविवार का दिन उनके छोटे भाई के जन्मदिन का था, जिसे मनाने के लिए रवनीत घर आ रही थी।
दुख की बात है कि इस हादसे ने परिवार के बड़े उत्सव को मातम में बदल दिया है। रवनीत की ताई की बेटी सिमरन ने बताया कि इस छुट्टी में सभी भाई-बहनों को चंडीगढ़ में मिलना था। खास बात यह है कि रवनीत की यह पहली बार चंडीगढ़ जाने की योजना थी। लेकिन अनहोनी ने सब कुछ बदल दिया। सिमरन ने कहा कि परिवार ने खास तौर पर छोटे भाई के जन्मदिन के लिए मन्नत मांगी थी, लेकिन इससे पहले ही जो हुआ, उसने सभी को चौंका दिया।
अब कहने को कुछ नहीं है, केवल इंतजार है कि रवनीत का शव गांव पहुंचे। उसकी अंतिम विदाई की तैयारी की जा रही है। परिवार अब शोक-संतप्त होकर अपने से जुड़ी यादों के सहारे जीने की कोशिश कर रहा है, जबकि वे एक प्यारी बेटी और बहन को खो चुके हैं। यह दुखद घटना न केवल उस परिवार के लिए, बल्कि सभी को इस बात की याद दिलाती है कि सड़क सुरक्षा के उपायों को सख्ती से अपनाने की कितनी आवश्यकता है।