हरियाणा महापंचायत जा रही बसों का भयानक हादसा, 3 महिलाओं की मौत, 30 घायल!

पंजाब में शनिवार को किसानों से भरी दो बसों के साथ दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें तीन महिलाओं की जान चली गई और 30 से अधिक लोग घायल हुए। ये घटनाएं विभिन्न स्थानों पर हुईं। पहली बस हादसा उस वक्त हुआ जब किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन में भाग लेने के लिए लोग खनौरी बॉर्डर की ओर जा रहे थे। दूसरी बस हरियाणा के टोहाना में आयोजित एक महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान ले जा रही थी। ये दोनों घटनाएं सामान्य रूप से सड़क पर धुंध के चलते हुई हैं।

पहला हादसा बरनाला में, जेल के पास हुआ। यहां, एक ट्रक के साथ टकराने से किसानों से भरी एक बस में कई लोग घायल हो गए, लेकिन किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है। स्थानीय किसानों का कहना है कि वे डल्लेवाल गांव से खनौरी बॉर्डर जा रहे थे, जहां उन्हें डल्लेवाल के समर्थन में पहुंचना था। उस दिन सुबह के समय धुंध इतनी थी कि जब बस जेल के पास पहुंची, तो अचानक से एक ट्रक उनके सामने आ गया, जिससे बस उसमें टकरा गई। यहां से सभी घायलों को बरनाला के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।

दूसरी गंभीर घटना बरनाला-मोगा बाइपास पर हुई, जहां एक बस बेकाबू होकर पलट गई। इस हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई और कई अन्य किसान गंभीर रूप से घायल हुए। यह बस बठिंडा जिले के गांव कोठा गुरु से किसानों को लेकर टोहाना की महापंचायत में जा रही थी। चश्मदीदों के अनुसार, बहुत धुंध थी और बस तेज गति में थी, जिससे ड्राइवर को नियंत्रण खो बैठा और वह डिवाइडर पर चढ़कर पलट गई। इस दुर्घटना में 2 दर्जन से ज्यादा किसान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

घटना के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। पुलिस ने चिकित्सकों की एक टीम भेजी और सभी घायलों को बरनाला सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन, कई किसानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बठिंडा और पटियाला के अस्पतालों में रेफर किया गया। डॉक्टरों ने प्रारंभिक उपचार किया और अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है। पुलिस ने घटनास्थल पर जांच शुरू कर दी है, ताकि हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके।

इस दुर्घटना ने स्थानीय किसानों और उनके परिवारों में शोक का माहौल बना दिया है। किसानों के संगठनों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इस बात की विशेष चिंता जताई है कि धुंध के कारण कई बार अनहोनी घटनाएं होती हैं। यह घटनाएं इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि सड़क सुरक्षा के लिए और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, खासकर ऐसे समय में जब किसान आंदोलन और महापंचायतों में भागीदारी बढ़ रही है।