चंडीगढ़ की ठंड में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा, बुजुर्ग रहें सतर्क!

चंडीगढ़ के वातावरण में गिरते तापमान और बढ़ते कोहरे ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ गया है। चंडीगढ़ पीजीआई के एडवांस कार्डियक सेंटर के प्रोफेसर डॉ. विजय वर्गीय ने संकेत दिया है कि सर्दियों में खासकर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को अधिक सतर्क रहना चाहिए। ठंड के मौसम में शरीर में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं, जो हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं।

डॉ. विजय वर्गीय ने बताया कि सर्दियों में शारीरिक गतिविधियों में कमी आती है, जिसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ने की संभावनाएं बढ़ती हैं। साथ ही, वायु प्रदूषण और इनडोर धूम्रपान की आदतें भी आम होती हैं। ठंड की वजह से रक्तचाप में वृद्धि, धमनियों का संकुचन और रक्त के थक्के बनने जैसी परेशानियाँ उभरती हैं। ये सभी कारक दिल का दौरा पड़ने की आशंका को बढ़ाते हैं। सर्दी में, हृदय को शरीर के तापमान को संतुलित रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो इसकी कार्यक्षमता पर असर डालता है।

विशेषज्ञों ने बुजुर्गों को कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी है ताकि वे हार्ट अटैक के खतरे से बच सकें। डॉ. वर्गीय ने सुझाव दिया है कि बुजुर्गों को नियमित रूप से टहलना चाहिए, गर्म कपड़े पहनना चाहिए, और अपने रक्तचाप और वजन की नियमित निगरानी करनी चाहिए। उनके अनुसार, अपनी दवाओं का नियमित सेवन करना और डॉक्टर की सलाह पर रक्त परीक्षण करवाना भी आवश्यक है, जिससे किसी भी स्वास्थ्य परिवर्तन का पता लगाया जा सके।

इसके साथ ही, डॉक्टरों ने हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानने की सलाह भी दी है। इनमें सीने में जकड़न, बेचैनी, तेज सांस लेना, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना और नब्ज का कमजोर होना शामिल हैं। यदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव करता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय रहते उपचार करने से हृदय संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है और रोगी के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।

सर्दियों के इस मौसम में लोगों को जागरूक होना जरूरी है। स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां और नियमित जांच-पड़ताल न केवल गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करती हैं, बल्कि जीवनशैली में भी सुधार लाती हैं। सभी वर्गों से अपील है कि वे अपनी और दूसरों की सेहत का ध्यान रखें और ठंड के मौसम में विशेष सतर्कता बरतें।