फरीदकोट में शनिवार को लगातार तीसरे दिन घना कोहरा छाया रहा, जिसने ठंडी हवाओं के साथ मिलकर लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। शीतलहर के चलते तापमान गिरकर 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में विजिबिलिटी मात्र 10 मीटर रह गई है, जबकि बाहरी इलाकों में स्थिति और भी गंभीर है, जहां धुंध की वजह से विजिबिलिटी शून्य हो चुकी है। इस स्थिति के चलते वाहन चालकों को यातायात में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नववर्ष के आगमन के बाद से ठंड ने अपने प्रकोप को और बढ़ा दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सुबह की सैर या काम पर जाने के लिए घर से निकलना भी अब एक चुनौती बन गया है। ठंड और धुंध के चलते लोग अपने निर्धारित समय पर अपने कार्यस्थलों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। ऐसे कठिन मौसम में छोटे वाहनों के चालक को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके और सड़क पर किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।
पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरती तापमान और धुंध की स्थिति ने न केवल वाहन चालकों के लिए, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी कठिनाई पैदा कर दी है। कई लोगों ने बताया कि सुबह की ठंड में बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो गया है, जिससे उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। स्थानीय प्रशासन को इस स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस मौसम में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकलें और ठंड से बचने के लिए पर्याप्त ध्यान रखें। बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से ठंड से अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। इसके साथ ही, जो लोग सड़क पर निकलते हैं, उन्हें चाहिए कि वे उच्च सतर्कता बरतें, विशेषकर उस समय जब विजिबिलिटी बहुत कम हो।
इन सभी परिस्थितियों के बीच, स्थानीय निवासियों से भी अपील की जा रही है कि वे आवश्यक कार्यों के लिए ही बाहर निकलें और धुंध की चकाचौंध से बचने का प्रयास करें। प्रशासन भी इस स्थिति पर नजर रखे हुए है और अगर आवश्यक हुआ तो उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है।