मोगा में एक कबड्डी खिलाड़ी के पकड़े जाने की घटना ने पुलिस प्रशासन को नए सिरे से सतर्क किया है। हाल ही में, पुलिस ने लाभ सिंह नामक एक प्रमुख कबड्डी खिलाड़ी और उसके दो साथियों को हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई तब की गई जब पुलिस को सूचना मिली थी कि लाभ सिंह, जो लुधियाना का रहने वाला है, और उसका दोस्त शमशेर सिंह, जो एक नशा तस्कर के रूप में पहचाना जाता है, क्षेत्र में सक्रिय हैं। इनके पास से एक कार भी जब्त की गई है, जिसमें से 50 ग्राम हेरोइन बरामद हुई।
बधनी कला के थाना मुखी, गुरमेल सिंह ने बताया कि उन्हें इस तस्करी के बारे में जानकारी मिली थी। जब पुलिस ने सक्रियता दिखाई और आरोपियों की कार की तलाशी ली, तो वहां से हेरोइन की बड़ी मात्रा मिली। पूछताछ में यह पता चला कि लाभ सिंह ने यह हेरोइन बधनी कला के मनप्रीत सिंह से खरीदी थी, जिसका उद्देश्य इसे बेचने का था। इस मामले में लाभ सिंह के खिलाफ पहले से एनडीपीएस एक्ट के तहत पांच मामले दर्ज हैं। वहीं, शमशेर सिंह की आपराधिक पृष्ठभूमि में दो मामले पहले से मौजूद हैं।
इस घटना के पीछे की कहानी और भी रोचक है, क्योंकि लाभ सिंह ने राज्य स्तर पर पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हुए कबड्डी खेली है। यह दर्शाता है कि कैसे खेलकूद की दुनिया में भी नशा तस्करी और अपराध का जाल पनप रहा है। मनप्रीत सिंह, जिसे कथित तौर पर इस हेरोइन का स्रोत बताया जा रहा है, उसके खिलाफ भी सात मामले असला एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत दर्ज हैं। यह अंधेरी दुनिया तेजी से अपने असली स्वरूप को पेश कर रही है, जिसमें युवा खिलाड़ी भी सम्मिलित हो रहे हैं।
बधनी कला पुलिस ने इस मामले में तत्काल एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि नशा तस्करी के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी। यह घटना न केवल कबड्डी खिलाड़ियों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि अपराध और नशा तस्करी से दूरी बनानी आवश्यक है। नशे के खिलाफ इस लड़ाई में पुलिस का संकल्प काफी महत्वपूर्ण है और उन्हें हर हाल में इन तस्करों को पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए।
इस पूरे मामले ने समाज के विभिन्न वर्गों को एक नया संदेश दिया है कि नशे की लत किसी भी क्षेत्र में, चाहे वह खेल हो या अन्य कोई क्षेत्र, कितनी गंभीर समस्या बन सकती है। खिलाड़ियों को अपने करियर और भविष्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह की नकारात्मक गतिविधियों से बच सकें। आगे की कार्रवाई में पुलिस को यह देखना होगा कि कैसे इस दुष्चक्र को तोड़ा जा सकता है और युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जा सके।