मोहाली में अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के लिए एएनपीआर लगेगा, डीसी की बैठक में फैसला

मोहाली प्रशासन ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उपायुक्त आशिका जैन ने खनन अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे सभी अंतर्राज्यीय चेक पोस्टों पर पुराने सीसीटीवी कैमरों के स्थान पर आधुनिक एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे स्थापित करें। इस नई तकनीक के माध्यम से, मोहाली राज्य का पहला ऐसा जिला बन जाएगा जहां खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक प्रणाली का उपयोग करने की योजना बनाई गई है। यह तकनीक प्रशासन को अवैध खनन गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखने में सक्षम बनाएगी, जिससे जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही, प्रशासन ने सिसवां टी-पाइंट, दफ्फरपुर, और हंडेसरा के अतिरिक्त डेराबस्सी-बरवाला रोड पर एक नई चेक पोस्ट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पंजाब एक्स-सर्विसमैन कॉरपोरेशन से 12 गार्डों को तैनात किया जाएगा। ये गार्ड चेक पोस्ट पर आने वाले सभी वाहनों की जांच करेंगे और उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि खनन सामग्री से लदे वाहनों के पास वैध क्यूआर कोड वाले जीएसटी बिल हो। यह उपाय प्रशासन को अवैध खनन पर नजर रखने और अनुपालन सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

वाहनों की जांच के पश्चात, चेक पोस्ट पर “जीरो स्लिप” जारी की जाएगी। यदि किसी वाहन में खनन सामग्री के लिए वैध दस्तावेज नहीं पाए जाते हैं, तो अधिकारियों द्वारा पंजाब माइनर मिनरल रूल्स (पीएमएमआर) की धारा 74 और 75 के तहत चालान जारी किया जाएगा। पिछले छह महीनों की गतिविधियों पर नजर डालें तो प्रशासन ने अवैध खनन के मामलों में कड़ी कार्रवाई करते हुए 3.36 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला है। इस कार्रवाई का उद्देश्य अवैध खनन पर नियंत्रण के साथ-साथ जिले में पारदर्शिता बढ़ाना भी है।

उपायुक्त जैन ने बताया कि नई एएनपीआर तकनीक का उपयोग करते हुए, वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा, जिससे उनकी वैधता का सत्यापन किया जा सकेगा। यह तकनीक प्रशासन को अवैध खनन सामग्री ले जाने वाले वाहनों की पहचान करने में मदद करेगी, जिससे अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह पहल मोहाली को अवैध खनन के खिलाफ सख्ती से लड़ने के लिए सुसज्जित बनाएगी, जिससे आर्थिकी और पर्यावरण दोनों की सुरक्षा होगी।

इन नई पहलों से प्रशासन की कोशिश है कि खनन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और अवैध खनन के मामलों में तेजी से कार्रवाई की जा सके। यह न केवल खनन क्षेत्र में अनुशासन स्थापित करने का एक उपाय है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी सुरक्षित और संरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।