राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में हुए एक हैंड ग्रेनेड हमले से जुड़े आतंकी हैप्पी पासिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की है। इस संबंध में एनआईए ने चंडीगढ़ जिला न्यायालय में एक आवेदन दायर किया है, जिस पर 9 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा। यह हमला पिछले साल 11 सितंबर को सेक्टर-10 के मकान नंबर 575 पर किया गया था, जिसमें दो संदिग्ध युवक रोहन और विशाल मसीह शामिल थे, जिन्होंने ग्रेनेड फेंकने के बाद मौके से फरार हो गए थे।
अत्यधिक महत्वपूर्ण यह है कि अमेरिका में रह रहे आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बयान जारी किया है। पासिया लंबे समय से अमेरिका में निवास कर रहा है और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के पाकिस्तान स्थित आतंकवादी, हरविंदर सिंह रिंदा का सहयोगी है। यह आरोप लगाया गया है कि पासिया ने ही इस हमले को अंजाम देने वाले अपराधियों को हथियार उपलब्ध कराए थे, जिससे मामला और भी गंभीर बन गया है।
प्रारंभ में इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस कर रही थी, लेकिन चलती जांच के बीच इसे एनआईए को सौंप दिया गया। अब तक इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें रोहन, विशाल, अमरजीत सिंह, आकाशदीप सिंह और कुलदीप शामिल हैं। कुलदीप, जो चंडीगढ़ में ऑटो चलाता है, इस हमले के दिन सेक्टर 43 बस स्टैंड से सेक्टर 10 में आरोपी युवकों को लेकर गया था। उसने बताया कि आरोपियों ने उसे वारदात के बाद वापस लौटने के लिए कहा था।
पुलिस की जांच में पता चला है कि हमले से दो दिन पहले, यानी 9 सितंबर को, रोहन और विशाल ने चंडीगढ़ में गुप्त रूप से रेकी की थी। वे इसी दिन वॉल्वो बस के जरिए चंडीगढ़ पहुंचे थे। पुलिस के मुताबिक, दोनों संदिग्धों ने आईएसबीटी-43 पर संजय नामक एक युवक के साथ एक मिनट 43 सेकंड तक बातचीत की थी। संजय बस स्टैंड के निकट आने वाले यात्रियों को होटल की सेवाएं उपलब्ध कराता है। पुलिस ने संजय से भी पूछताछ की है ताकि पूरे मामले की गहराई से जांच की जा सके।
यह मामला केवल एक ग्रेनेड हमले का नहीं है, बल्कि इससे जुड़े तत्व और आतंकी नेटवर्क भी एक बड़े खतरे का संकेत देते हैं। एनआईए की जांच आगे बढ़ने के साथ ही, उम्मीद की जा रही है कि और अधिक सुराग मिलेगें जो हमले के पीछे की सच्चाई को उजागर कर सकें। इस प्रकार, यह मामला भारत में आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयास को दर्शाता है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही हैं।