पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने हाल ही में लाहौर में स्थित पुंछ हाउस में भगत सिंह गैलरी का उद्घाटन किया है, जिसे अब आम जनता के लिए खोला गया है। यह वही स्थान है जहां लगभग 93 साल पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शहीद-ए-आजम भगत सिंह के विरुद्ध केस का मुकदमा चलाया गया था। गैलरी में भगत सिंह के जीवन व संघर्ष से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, तस्वीरें, पत्र और समाचार पत्रों की कटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं, जिससे लोग उनकी महानता और योगदान को करीब से समझ सकें।
गैलरी का उद्घाटन पंजाब के मुख्य सचिव, जाहिद अख्तर जामन ने किया। उन्होंने बताया कि इस इमारत को इसके ऐतिहासिक स्वरूप में बनाए रखा गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को यहां की घटनाओं का सही चित्रण मिल सके। गैलरी में भगत सिंह द्वारा आजादी के लिए किए गए संघर्ष को दर्शाया गया है, जिससे यह स्थान विशेष महत्व रखता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पंजाब के पुरातत्व विभाग ने 2018 में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े रिकॉर्ड का सार्वजनिक संग्रह शुरू किया था, जिसमें भगत सिंह के फांसी से संबंधित प्रमाण पत्र भी शामिल हैं। भगत सिंह को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी।
भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन, एडवोकेट इम्तियाज रशीद कुरैशी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गैलरी के उद्घाटन के साथ-साथ, पंजाब सरकार को शादमन चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की दिशा में भी कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस काम के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे, ताकि भगत सिंह के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके। गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार पहले भगत सिंह को शहीद मानने के प्रति तैयार नहीं थी।
2018 में, पाकिस्तान के शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और उनकी प्रतिमा स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। हालांकि, वहाँ की सरकार ने इस योजना को टाल दिया है। लाहौर हाईकोर्ट में नवंबर महीने में हुई सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आई थी कि सरकार मानती है कि भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि आतंकवादी थे। इस मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को प्रस्तावित है।
इन घटनाओं के बीच, इस बात की उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में पंजाब सरकार भगत सिंह के योगदान को सही मान्यता देगी और उनकी स्मृति को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। भगत सिंह का नाम न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण है, बल्कि पाकिस्तान में भी उनकी विरासत और संघर्ष का सम्मान किया जाना चाहिए। इस गैलरी के माध्यम से, पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने एक सकारात्मक कदम उठाया है, जिससे नई पीढ़ी को भगत सिंह के जीवन और संघर्ष के महत्व को समझने में मदद मिलेगी।