पंजाब भाजपा में संगठन परिवर्तन तय! SC के आदेश पर किसानों के मुद्दे होंगे हल?

2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए पंजाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महत्वपूर्ण बैठक चंडीगढ़ में आयोजित की जा रही है। इस बैठक का नेतृत्व भाजपा के राष्ट्रीय प्रभारी विजय रूपाणी कर रहे हैं। हालांकि, पार्टी के प्रधान सुनील जाखड़ इस बैठक में अनुपस्थित हैं। जब मीडिया ने जाखड़ के बारे में रूपाणी से प्रश्न किया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि जाखड़ अभी भी पार्टी के प्रधान हैं और हम उनके नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। आंदोलनकारी किसानों के साथ वार्ता के संदर्भ में उन्होंने बताया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और जो भी निर्देश कोर्ट से आएंगे, उनका पालन किया जाएगा।

रूपाणी ने इस अवसर पर पार्टी की ताकत और संगठन की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और पार्टी को मजबूत लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ाया जा रहा है। उनकी बातों के अनुसार, पंजाब में भाजपा के सदस्य संख्या तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में बताया कि संगठन का मजबूत आधार ही उनकी जीत की कुंजी होगा। पार्टी ने सूचना दी है कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संतोष भी प्रदेश में सक्रिय हैं और सभी जिलों के कार्यकर्ताओं को सदस्यता अभियान में जुटने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन से जुड़े विषय पर रूपाणी का कहना था कि अतीत में लोकसभा और निकाय चुनावों में किसानों ने भाजपा का समर्थन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों से बातचीत का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और वहां के निर्देशों का पालन होगा। सुनील जाखड़ के पद से हटने की मांग को लेकर रूपाणी ने बताया कि जाखड़ ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की अनदेखी के चलते खुद को प्रधान पद से मुक्त करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन पार्टी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। संगठन में परिवर्तन होने के बाद नये प्रधान का चुनाव भी होगा।

इस बार भाजपा ने पंजाब में मेयर पद का समर्थन किसी अन्य पार्टी को देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की रणनीति पंजाब में कांग्रेस को कमजोर करना है। हाल ही में हुए निकाय चुनावों में भाजपा ने कई स्थानों पर सफलता हासिल की है। लुधियाना में भाजपा ने 19, अमृतसर में 9, जालंधर में 19, फगवाड़ा में 5 और पटियाला में 4 सीटें जीती हैं। पहले चर्चा थी कि भाजपा और कांग्रेस मिलकर लुधियाना में मेयर का चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन भाजपा ने ऐसी किसी भी संभावना को नकारते हुए साफ-साफ कहा कि उनका लक्ष्य कांग्रेस मुक्त भारत है।

इस प्रकार, भाजपा के भीतर संगठनात्मक बदलाव, चुनावी रणनीति और किसान आंदोलन के मुद्दों पर खासी चर्चा चल रही है, जो आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण साबित होगी। भाजपा का उद्देश्य पंजाब में अधिक से अधिक सीटें जीतना और किसानों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करना है, ताकि वे 2027 के चुनाव में मजबूती से उतर सकें।