पंजाब सीएम की चुनौती: केंद्र के अड़ियल रवैये पर सवाल, कृषि नीति पर रोका कदम!

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज खनौरी और शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह अपने अड़ियल रवैये को बंद करे और बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान करे। उनका कहना था कि किसान भी देश के नागरिक हैं और उनके मुद्दों को हल करने के लिए उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे केंद्र की कृषि मार्केटिंग नीति के ड्राफ्ट को स्वीकार नहीं करते और इसके संदर्भ में पंजाब सरकार की तरफ से केंद्र को एक लिखित पत्र भेजा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार इस ड्राफ्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण किसी अन्य राज्य में करे, तो पंजाब को इसके परिणामों से अवगत कराया जाए।

उन्होंने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति पर गंभीरता दिखाई और बताया कि उनकी देखभाल के लिए 50 डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। धरना स्थल के निकट एक अस्थाई अस्पताल भी स्थापित किया गया है। सीएम ने कहा कि यदि डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति खराब होती है, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र की बीजेपी सरकार की होगी। उन्होंने चुनाव परिणामों के बाद किसानों से बातचीत न होने की बात उठाते हुए केंद्र पर आरोप लगाया कि वह रद्द किए गए तीन कृषि कानूनों को नए रूप में फिर से लागू करने की योजना बना रहा है।

मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे पंजाब बंद जैसे निर्णय न लें, क्योंकि इससे राज्य को नुकसान होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले पंजाब बंद के चलते राज्य को लगभग सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके अलावा, डल्लेवाल के मरणव्रत के 38वें दिन में दाखिल होने के मामले में उन्होंने कहा कि पिछले कई प्रयासों के बावजूद केंद्र ने किसानों की परिस्थितियों के लिए संवाद का दरवाज़ा नहीं खोला।

सीएम ने बताया कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है और उन्होंने डल्लेवाल की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए सरकार की जिम्मेदारी उठाने का वचन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत का रास्ता अपनाए, बजाय इसके कि उससे दबाव बनाने की कोशिश की जाए। मान ने यह भी कहा कि जब भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ताकतवर देश बनने की कोशिश कर रहा है, तो अपने देश के किसानों के साथ संवाद करना चाहिए।

साथ ही, मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उन्हें कृषि से संबंधित सभी मुद्दों की जानकारी है, और पंजाब तथा हरियाणा का मंडीकरण प्रणाली बहुत मजबूत है। नए कृषि मार्केटिंग ड्राफ्ट को लागू करने की कोशिशें उचित नहीं हैं। अंत में उन्होंने अपने अधिकारियों की बैठक के बारे में बताया, जिसमें डीजीपी और एडीजीपी शामिल थे, और कहा कि वे किसानों के साथ संवाद कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि वे किसी भी प्रकार की हानि नहीं चाहते हैं और केंद्र से इस मामले में सकारात्मक पहल की अपेक्षा रखते हैं।