तिलकोत्सव पर बाबा भोलेनाथ को मिली अंगूठी  और बर्तन

तिलकोत्सव पर बाबा भोलेनाथ को मिली अंगूठी  और बर्तन

दुमका , 4 फ़रवरी (हि.स.)। फौजदारी दरबार बाबा बासुकीनाथ के दरबार में बसंत पंचमी पर सोमवार की देर रात बाबा भोलेनाथ का तिलकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसमें बतौर यजमान मंदिर के सचिव सह एसडीओ कौशल कुमार, मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी बीडीओ कुंदन भगत ने भाग लिया।

सरकारी पुजारी डब्लू बाबा की अगुवाई में पुरोहित प्रेमशंकर झा ने तिलकोत्सव किया।

वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार बाबा को सोने की अंगूठी, चांदी का बाजूबंद, पीताम्बरी वस्त्र, अंगोछा, कांसा एवं पीतल के बर्तन, विभिन्न प्रकार के फल, मिष्ठान, नेवैद्य समेत अन्य सामग्री चढ़ाई गई।

वहीं माता पार्वती की भी भव्यतापूर्वक पूजा की गयी। इस मौके पर पुजारी डब्लू बाबा, सहायक पुजारी गणेश झा उर्फ बोंगा बाबा, सहायक प्रबंधक सुभाष राव, पुरोहित प्रेमशंकर झा, मोहित झा, सारंग बाबा, कुंदन झा, उज्ज्वल झा, आशीष बाबा, मन्दिरकर्मी शुभाष राव, मदन झा, ब्रजेश झा, रविन्द्र मोदी, मंदिर के विधिकर फुलेश्वर कुंवर, ज्योतिष कुंवर, फुलधरिया पिंकू राव, केशव राव, नरेश राव, मुन्ना राव समेत मंदिर के अन्य कर्मी उपस्थित थे।

बासुकीनाथ मंदिर के पुजारी सदाशिव पंडा, डब्लू बाबा एवं पुरोहित प्रेमशंकर झा ने बताया कि बाबा बासुकीनाथ का तिलकोत्सव करने की परंपरा सैंकड़ों वर्षो से अनवरत चली आ रही है। पूर्व में जब मंदिर का संचालन हंडवा स्टेट द्वारा होता था, उस समय से ही इस परंपरा का अनवरत निर्वहन होता था। तिलकोत्सव से विवाहोत्सव उपरांत घूंघट की रस्म अदायगी तक के कार्यों में सबों की भूमिका तय कर दी है।

बसंत पंचमी की देर रात्रि श्रृंगार पूजा के समय भोलेनाथ के होने वाले तिलकोत्सव से लेकर शिवरात्रि की पूर्व संध्या तक माता पार्वती को सिंदूर नहीं चढ़ेगा। सदाशिव पंडा ने बताया कि तिलकोत्सव के बाद से शिवरात्रि के एक दिन पूर्व तक माता पार्वती को श्रृंगार पूजन में सिंदूर नहीं दिया जाएगा। शिवरात्रि के दिन शिव के प्रतीकात्मक त्रिशूल के द्वारा माता की मांग में सिंदूर दिया जाएगा।

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