बठिंडा में बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मेले विबग्योर के दूसरे दिन हिंसक झड़प की एक शर्मनाक घटना सामने आई है। मेले के समापन के समय दो युवा गुटों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ, जो बाद में हाथापाई में बदल गया। इस झड़प के दौरान एक गुट ने दूसरे गुट के दो युवकों पर गोले और हथियारों का प्रयोग करते हुए हमला किया। यह हमला इतना गंभीर था कि दोनों युवकों को सिर में गंभीर चोटें आईं।
घायलों के साथी ने तुरंत उन्हें बठिंडा के सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां इमरजेंसी मेडिकल अफसर ने बताया कि दोनों का इलाज शुरू कर दिया गया है और वर्तमान में उनकी स्थिति स्थिर है। घायल युवकों ने अपनी बातों में बताया कि यह हमला बाबा फरीद कॉलेज परिसर में हुआ था। ऐसे में इस घटना की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दी गई, जिन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायल युवकों के बयान दर्ज किए और मामले की जांच शुरू कर दी।
हालांकि, इस झगड़े के कारण का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। दो गुटों के बीच क्या वजह थी, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इस घटना ने मेले के माहौल में खलल डाल दिया। प्रदर्शनी और विविध गतिविधियों के बीच हुई यह हिंसा दर्शाती है कि कुछ असामाजिक तत्व सार्वजनिक आयोजनों को भी नहीं छोड़ते।
पुलिस ने अब मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया है। उनकी योजना है कि झगड़े में शामिल व्यक्तियों और गुटों की पहचान की जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए। घटनास्थल पर मौजूद गवाहों और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जाएगी ताकि इस मामले की सही जानकारी मिल सके। यह घटना न केवल बठिंडा बल्कि अन्य जगहों पर भी आयोजनों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है।
इस प्रकार की वारदातें दर्शाती हैं कि हमें सुरक्षित और सुसंगठित तरीके से ऐसे आयोजनों को संचालित करने की आवश्यकता है। आयोजकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि भविष्य में ऐसी किसी भी हिंसा से बचने के लिए सुरक्षा के ठोस प्रबंध किए जाएं। इसके साथ ही, युवाओं में आपसी सहिष्णुता और सौहार्द को बढ़ावा देने की भी अत्यधिक आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की हिंसक घटनाएँ टाली जा सकें।