राजनीतिक दुर्भावना के चलते सुक्खू सरकार ने पूर्व में खोले एसडीएम ऑफिस कर दिए डी-नोटिफाई : बिक्रम ठाकुर

राजनीतिक दुर्भावना के चलते सुक्खू सरकार ने पूर्व में खोले एसडीएम ऑफिस कर दिए डी-नोटिफाई : बिक्रम ठाकुर

धर्मशाला, 04 फ़रवरी (हि.स.)।

पूर्व उद्योग मंत्री एवं जसवां-परागपुर के विधायक बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार विकास विरोधी मानसिकता से ग्रस्त है। पिछली भाजपा सरकार ने जसवां-परागपुर सहित पूरे प्रदेश में जनता की सुविधा के लिए कई नए कार्यालय खोले थे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही राजनीतिक दुर्भावना के चलते उन्हें बंद कर दिया।

मंगलवार को जारी प्रेस बयान में बिक्रम ठाकुर ने कहा कि प्लानिंग की बैठकें केवल औपचारिकता निभाने के लिए नहीं होतीं, बल्कि उनका उद्देश्य प्रदेश के विकास को गति देना होता है। लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार के पास कोई ठोस विजन नहीं है, बल्कि यह सरकार सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि पिछली प्लानिंग बैठकों में स्वीकृत कितने विकास कार्यों को वास्तव में शुरू किया गया?

बिक्रम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास प्रदेश के विकास का कोई रोडमैप नहीं है, बल्कि यह सरकार सिर्फ भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यों को रोकने में लगी हुई है। भाजपा सरकार ने जसवां-परागपुर सहित पूरे प्रदेश में नए एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, स्वास्थ्य केंद्र और अन्य विकास कार्यों को मंजूरी दी थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही इन्हें डी-नोटिफाई कर जनता को उनकी सुविधाओं से वंचित कर दिया।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भाजपा संगठन की चिंता छोड़कर अपने संवैधानिक कर्तव्यों पर ध्यान देना चाहिए। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए चुना था, न कि राजनीतिक प्रतिशोध में फैसले लेने के लिए।

कांग्रेस सरकार में भाई-भतीजावाद और बैकडोर एंट्री का खेल

बिक्रम ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को ठग रही है। जहां भाजपा सरकार में योग्यता के आधार पर पारदर्शी भर्तियां होती थीं, वहीं कांग्रेस सरकार में भाई-भतीजावाद और बैकडोर एंट्री का खेल खेला जा रहा है। मुख्यमंत्री और उनके करीबी लोग अपने चहेतों को बिना किसी प्रक्रिया के सरकारी नौकरियां बांट रहे हैं, जबकि योग्य और मेहनती युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं।

उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार बताएं कि कितने पदों पर बैकडोर एंट्री से भर्तियां हुई हैं? किन-किन कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों को नियमों को दरकिनार कर नौकरियां दी गईं?