महाकुम्भ मेला क्षेत्र के आठ हजार लाउडस्पीकरों में गूंजी पीएम मोदी के ‘मन की बात’
महाकुम्भ नगर, 23 फरवरी (हि.स.)। महाकुम्भ नगर में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज ने श्रद्धालुओं को चौंका दिया। महाकुम्भ नगर में आज ‘मन की बात’ मासिक कार्यक्रम का 119वां एपिसोड प्रसारित हुआ। पीए मोदी के ‘मन की बात’ महाकुम्भ मेला क्षेत्र में लगे 8 हजार लाउडस्पीकर पर सुनाई गई। मन की बात पहले हिंदी, फिर अंग्रेजी और संस्कृत में सुनाई गई।
बता दें, मन की बात मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को देश के नागरिकों को सम्बोधित करते हैं। इसमें वह राष्ट्र से सम्बंधित मुद्दों और विषयों पर बातचीत करते हैं।
119वें एपिसोड में विविध विषयों रखी बात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में स्पेस सेक्टर, एआई, लोगों की सेहत सहित कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि देश में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इससे निपटना बेहद जरूरी है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, इन दिनों चैम्पियंस ट्रॉफी चल रही है और हर तरफ क्रिकेट का माहौल है। क्रिकेट में सेंचुरी का रोमांच क्या होता है, ये तो हम सब भली-भांति जानते हैं। लेकिन आज मैं, आप सबसे क्रिकेट नहीं, बल्कि भारत ने स्पेस में जो शानदार सेंचुरी बनाई है उसकी बात करने वाला हूं। पिछले महीने देश इसरो के 100वें रॉकेट की लॉन्चिंग के साक्षी बने हैं। यह केवल एक नंबर नहीं है, बल्कि इससे स्पेस विज्ञान में नित नई ऊंचाइयों को छूने के हमारे संकल्प का भी पता चलता है।
118वें कार्यक्रम में कुम्भ मेले का जिक्र : बीती 19 जनवरी को ‘मन की बात’ के 118वें एपिसोड में पीएम मोदी ने प्रयाराज में चल रहे महाकुम्भ मेले के बारे में बात करते हुए कहा, ‘प्रयागराज में महाकुम्भ का श्रीगणेश हो चुका है। चिरस्मरणीय जन–सैलाब, अकल्पनीय दृश्य और समता–समरसता का असाधारण संगम! इस बार कुम्भ में कई दिव्य योग भी बन रहे हैं। कुम्भ का ये उत्सव विविधता में एकता का उत्सव मनाता है। संगम की रेती पर पूरे भारत के, पूरे विश्व के लोग, जुटते हैं। हजारों वर्षों से चली या रही इस परम्परा में कहीं भी कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं। कुम्भ में गरीब–अमीर सब एक हो जाते हैं। सब लोग संगम में डुबकी लगाते हैं, एक साथ भंडारों में भोजन करते हैं, प्रसाद लेते हैं– तभी तो ‘कुम्भ’ एकता का महाकुम्भ है। कुम्भ का आयोजन हमें ये भी बताता है कि कैसे हमारी परम्पराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘इस बार आप सब ने देखा होगा कि कुम्भ में युवाओं की भागीदारी बहुत व्यापक रूप में नजर आती है, और ये भी सच है कि जब युवा–पीढ़ी, अपनी सभ्यता के साथ, गर्व के साथ, जुड़ जाती है, तो उसकी जड़ें, और मजबूत होती हैं, और तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है। हम इस बार कुम्भ के डिजिटल फुटप्रिंटस भी इतने बड़े स्केल पर देख रहे हैं। कुम्भ की ये वैश्विक लोकप्रियता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।’
ऐतिहासिक अनुभव : चंडीगढ़ से कुम्भ स्नान के लिये आये दविन्द्र शर्मा कहते हैं, ‘हमारी सोसाइटी में लोग इकट्ठे होकर मन की बात सुनते हैं। इस बार मन की बात लाखों के जनसमूह में संगम की पवित्र धरती पर सुनी है। ये अनुभव ऐतिहासिक और कभी न भूलने वाला है।” गोरखपुर से आये श्रीकांत गोस्वामी ने कहा, ‘मन की बात’ कार्यक्रम को कभी मिस नहीं करता। मेला एरिया में लगे स्पीकरों से मन की बात सुनकर अच्छा लगा। गोस्वामी ने कहा, ”पीएम मोदी ने इस बार सेहत पर ध्यान देने की बात कही है, हम सबको पीएम मोदी की बात माननी चाहिए। क्योंकि बुजुर्गों ने पहला सुख निरोगी काया बताया है।’ रूद्रपुर उत्तराखण्ड से आये रूपेश कुमार ने बताया, ”संडे छुट्टी का दिन होता है, घर में ही टीवी पर मन की बात सुन लेते हैं, इस बार ऐसा लग रहा था कि प्रोग्राम छूट जाएगा। संगम की रेती पर मन की बात सुनकर बहुत अच्छा लगा। ऐसा लगा कि मानो पीएम सामने बैठकर बोल रहे हों।”
2014 में हुई शुरूआत : ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को हुई थी, और तब से यह आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। पीएम मोदी इसके जरिए सामाजिक जागरूकता, शिक्षा, स्वच्छता, खेल, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में उपलब्धियों, सरकार की विकास योजनाओं, और भारत की वैश्विक स्थिति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हैं। न केवल बड़े राष्ट्रीय मुद्दों पर बात होती है, बल्कि स्थानीय और सामाजिक परिवर्तन को लेकर हो रही कोशिशों का भी जिक्र होता है।
कुम्भवाणी से मिलती है मेले की अपडेट : कुम्भवाणी समाचार बुलेटिन दिन में तीन बार सुबह 8:30-8:40, दोपहर 2:30-2:40 और रात 8:30-8:40 बजे प्रसारित किया जाता है, जो महाकुम्भ से सम्बंधित विभिन्न गतिविधियों पर अपडेट प्रदान करता है। मेला क्षेत्र में लगे 8 हजार लाउड स्पीकरों के माध्यम से श्रद्धालु और यात्री कुम्भ वाणी सुनते हैं। श्रद्धालु प्रयागराज में 103.5 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी पर कुम्भवाणी समाचार बुलेटिन भी सुन सकते हैं।
62 करोड़ लोग संगम में डुबकी : रविवार की दोपहर 2 बजे तक 87.732 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। महाकुम्भ की शुरुआत से अब तक कुल लगभग 62 करोड़ से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। आज डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों के स्नान करने का अनुमान है। 13 जनवरी से शुरू हुए कुम्भ मेले का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा।