महाकुम्भ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का संगम : मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

महाकुम्भ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का संगम : मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

महाकुम्भ नगर, 23 फरवरी (हि.स.)। भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ने का महाकुम्भ एक अनुपम अवसर है। यह केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का संगम बताया। त्रिवेणी संगम में स्नान आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कराता है। यह सनातन परंपराओं को सजीव बनाए रखने और राष्ट्र के प्रति अपनी आस्था को प्रगाढ़ करने का पर्व है।

यह बात रविवार को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम स्नान के बाद उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कही।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने महाकुम्भ 2025 को दिव्य एवं भव्य, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए ऐतिहासिक प्रयास किए हैं। स्नान घाटों की स्वच्छता, बिजली-पानी की निर्बाध आपूर्ति, यातायात प्रबंधन, चिकित्सा और सुरक्षा व्यवस्था आदि यह महाकुंभ एक आदर्श आयोजन के रूप में इतिहास में दर्ज होगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अनेक नए प्रयास किए गए हैं। संगम क्षेत्र में अत्याधुनिक अस्थायी अस्पताल, स्वच्छ शौचालय, पेयजल आपूर्ति, विस्तृत सुरक्षा घेरा और सुगम परिवहन व्यवस्था ने श्रद्धालुओं को सहज अनुभव प्रदान किया है।

महाकुंभ के दिव्य वातावरण का वर्णन करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि यहां संत-महात्माओं के प्रवचन, धार्मिक अनुष्ठान और आध्यात्मिक चर्चाएं श्रद्धालुओं को ईश्वरीय अनुभूति से जोड़ने का कार्य कर रही हैं।

इसके पूर्व महाकुंभ के पावन अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने परिवार संग त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर समस्त जनमानस के कल्याण, सुख-समृद्धि तथा प्रदेश की उन्नति की प्रार्थना की।

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