दुनिया को करूणा व मैत्री का संदेश देगा भारतः इन्द्रेश कुमार
महाकुम्भ में पहली बार पहुंचे कई देशों के बौद्ध भिक्षु, भंते व लामा, मुख्यमंत्री योगी ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बौद्ध महाकुम्भ यात्रा का किया शुभारंभ
महाकुम्भनगर, 4 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज दौरे पर बौद्ध महाकुम्भ यात्रा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपासना विधियों का एक मंच पर आना अभिनंदनीय है। हिंदू और बौद्ध एक ही वटवृक्ष की शाखाएं हैं। यदि ये एक ही मंच पर आ जाएं तो यह दुनिया में सबसे शक्तिशाली वटवृक्ष बनेगा जो उन्हें छांव भी देगा और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने बौद्ध संतों और विद्वानों पर पुष्प वर्षा भी की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महाकुम्भ के सेक्टर 17 में आयोजित बौद्ध भिक्षुओं के स्वागत सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत दुनिया को करूणा व मैत्री का संदेश देगा। उन्होंने कहा कि बुद्ध के मार्ग से दुनिया को युद्धमुक्त किया जा सकता है। बुद्धं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि। बौद्ध व सनातनी एक थे, एक हैं, एक रहेंगे। हम सनातन के अंश थे,सनातन के अंश हैं और सनातन के अंश रहेंगे। कुंभ के अंश हैं और रहेंगे। इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हिंसा मुक्त, दंगा मुक्त, धर्मान्तरण मुक्त भारत बने। हम सब सुखी रहें। मानवता से परिपूर्ण राष्ट्र बने। हम एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे और दुनिया को अच्छाई का मार्ग दिखा सकेंगे।
महाकुम्भ में पहली बार पहुंचे कई देशों के बौद्ध भिक्षु,भंते व लामा
महाकुम्भ में पहली बार दुनिया के कई देशों के भंते, लामा व बौद्ध भिक्षुओं का आगमन हुआ है। सभी बौद्ध भिक्षु व लामा संगम स्नान करेंगे एवं साधु संतों से भेंटवार्ता करेंगे। महाकुंभ पहुंचे भंते, लामा व बौद्ध भिक्षुओं का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने अंगवस्त्र एवं माला पहनाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री के स्वागत से सभी बौद्ध भिक्षु अभिभूत दिखे। महाकुंभ में स्वागत से सभी बौद्ध भिक्षु मुक्त कंठ से मुख्यमंत्री की सराहना कर रहे थे। भारत के अलावा नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार, तिब्बत, लाओस, थाईलैंड, वियतनाम आदि देशों से बौद्ध भंते शील रतन, धम्मपाल बौद्ध संत, भंते शीलवचन सैकड़ों की संख्या में भंते आए हैं।
बुद्ध व सनातनी मिलकर विश्व की बड़ी ताकत बनेंगे: स्वामी अवधेशानन्द
जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने कहा कि कुंभ में बौद्ध भिक्षुओं का आगमन भारत के लिए ऐतिहासिक व सौभाग्यशाली क्षण है। उन्होंने कहा कि बुद्ध व सनातनी अगर एक हो जाएं तो हम विश्व की बड़ी ताकत बन जायेंगे। सत्य प्रेम व करूणा का दर्शन पूरे विश्व को समाधान देगा। भारत से एकात्मता का स्वर जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत किसी युद्ध में शामिल नहीं है, क्योंकि हमारे पास बुद्ध हैं। भारत सबका आदर करता है। प्रत्येक सनातनी प्रतिदिन अपने संकल्प में बुद्ध को याद करता है। 24 अवतारों में बुद्ध को ईश्वरीय सत्ता और भगवान माना है। उन्होंने कहा कि भारत बुद्ध को कभी भूला नहीं है। दुनिया में सर्वाधिक सम्मान बुद्ध का भारत में है।
महाकुंभ में पांच फरवरी को बौद्ध भिक्षु निकालेंगे यात्रा
धर्म संस्कृति संगम के अरूण सिंह बौद्ध ने बताया कि महाकुम्भ में पांच फरवरी को बौद्ध भिक्षुओं द्वारा संघम शरण गच्छामि, बुद्धं शरणम गच्छामि को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से महाकुंभ क्षेत्र में शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद छह फरवरी को बौद्ध भिक्षु संगम स्नान करेंगे।
धर्म संस्कृति संगम के राष्ट्रीय महासचिव राजेश लांबा, बौद्ध भिक्षु शील रतन, भंते धम्मपाल, लाओस से आये भंते वेन वत्थान दामोंग, वियतनाम से आये न्युगेन थी सुगुमाई, देवेन्द्र मंचासीन रहे। इस अवसर पर जगद्गुरू सतुआ बाबा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य शिवनारायण जी, क्षेत्र प्रचारक अनिल , प्रान्त प्रचारक रमेश, क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष ,सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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