अमृतसर के अटारी हलके में हाल ही में हुए एक विवाद ने गांव के नवनिर्वाचित सरपंच गुरप्रीत सिंह को मुश्किल में डाल दिया है। सरपंच ने क्षेत्र के विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि विधायक और पंचायत विभाग का सहयोग गांव के विकास के कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने इस मुद्दे को उठाने के लिए पंचायत विभाग के अधिकारियों का वीडियो बनाकर उसे फेसबुक पर शेयर किया, जो अब विवाद का कारण बन गया है।
सरपंच गुरप्रीत सिंह का आरोप है कि क्षेत्र में विकास कार्यों को प्रभावी रूप से निष्पादित करने के लिए जनता ने उन्हें वोट दिया था, लेकिन विधायक के निर्देशों के चलते विकास कार्य ठप हो गए हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने अधिकारियों का वीडियो बनाकर अपनी बात को उजागर किया, लेकिन इसके बाद घरिंडा थाना की पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
वीडियो वायरल होने के बाद शिकायत मिली कि सरपंच ने सरकारी दफ्तर में अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए मामला दर्ज किया है। थाना घरिंडा के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस वीडियो में सरपंच ने भयंकर शब्दों का प्रयोग किया है, जो कि नियमों के विपरीत है। इस मामले की जांच का कार्य डीएसपी अटारी द्वारा किया जा रहा है और इस पर आगे की कार्रवाई के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
सरपंच के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद, कई किसान संगठन और स्थानीय ग्रामीण सक्रिय हो गए और उन्होंने पंचायत विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरपंच के खिलाफ दर्ज मामले को अनुचित ठहराते हुए कहा है कि गुरप्रीत सिंह सिर्फ गांव की भलाई के लिए आवाज उठा रहे थे। उन्होंने मांग की है कि इस मामले को समाप्त किया जाए और सरपंच पर लगे आरोपों को बिना किसी देरी के रद्द किया जाए।
यही नहीं, इस पूरे घटनाक्रम ने अटारी क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा दिया है। ग्रामीण अब यह सोच रहे हैं कि अगर उनके प्रतिनिधि अपनी बात नहीं रख सकेंगे, तो फिर विकास कैसे संभव होगा। किसान संगठनों ने भी इस मामले को अपने मुद्दों से जोड़कर कार्रवाई की मांग की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति के खिलाफ ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण गांव के विकास और उनके अधिकारों से जुड़ा हुआ है।