हाईकोर्ट ने पुरुकुल-किमाड़ी सड़क निर्माण के पर्यावरणीय प्रभाव की जांच के दिए निर्देश
नैनीताल, 20 फ़रवरी (हि.स.)। हाईकोर्ट ने देहरादून जिले के पुरुकुल-किमाड़ी गांव के बीच दो सड़कों के निर्माण और इसके पर्यावरणीय प्रभाव से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता व संबंधित विभागों को एक मार्च तक विवादित सड़क का संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को निर्धारित की है।मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। जनहित याचिका सिटीजन फॉर ग्रीन दून इलेवन द्वारा दायर की गई थी, जिसमें कहा गया कि देहरादून व मसूरी के बीच पुरुकुल-किमाड़ी गांव हैं। जो पहले से ही सड़क मार्ग से जुड़े हैं, लेकिन लोक निर्माण विभाग ने पीएमजीएसवाई के तहत इन गांवों के लिए एक और सड़क बना दी। इस नई सड़क से पर्यावरण को काफी क्षति पहुंची है। इस सड़क के कटान का मलवा सड़क के नीचे फेंक दिया गया, जिससे प्राकृतिक जल स्रोत बन्द हो गए और पेड़ पौंधों को नुकसान हुआ है। इसके अलावा मानकों के मुताबिक पीएमजीएसवाई से उन गांवों को जोड़ा जाता है जहां पहले से सड़क नहीं होती है। सुनवाई के दौरान गुरुवार को क्षेत्र के प्रभागीय वनाधिकारी व मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग हाईकोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग आदि से कमेटी बनाकर सड़क निर्माण से पर्यावरण को हुए नुकसान का जायजा लेने को कहा है। इस कमेटी से 1 मार्च को मौके पर जाने के निर्देश दिए हैं।
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