ED की बड़ी कार्रवाई: जालंधर में पूर्व उप-पोस्टमास्टर की 42 लाख की संपत्ति जब्त!

पंजाब के जालंधर में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने पूर्व उप पोस्टमास्टर संजीव कुमार की 42 लाख रुपये की संपत्ति को कुर्क कर दिया है। यह कार्रवाई संजीव कुमार के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के संदर्भ में की गई है। जालंधर ईडी का यह कदम पीएमएलए 2002 के अंतर्गत उठाया गया है, जोकि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई का प्रावधान करता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संजीव कुमार को 8.50 करोड़ रुपये के गबन के मामले में सीबीआई की मोहाली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी। साथ ही उन पर 15.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। संजीव पर आरोप है कि उन्होंने 2014 से 2017 के बीच नकोदर और रुरका कलां में अपनी पोस्टिंग के दौरान आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए जालसाजी और सरकारी धन की हेराफेरी की। यह मामला कपूरथला डाकघर के अधीक्षक दिलबाग सिंह सूरी की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

सीबीआई ने 2018 में संजीव कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें वह 54 फर्जी खातों के माध्यम से धन का गबन करने के आरोपी रहे। सीबीआई के दस्तावेजों में यह भी उल्लेख है कि आरोपी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-B, 409, 420, 467, 468, 471, 477-A और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आर्थिक अपराध किए थे। सीबीआई की जांच में यह पता चला कि संजीव ने इन फर्जी खातों का संचालन करते हुए विभिन्न लेन-देन के माध्यम से पैसे निकाले थे।

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने आवर्ती जमा (RD) खातों में नकारात्मक जोड़ कर उनके मूल्य को बढ़ाया, जिससे उन्हें परिपक्वता के समय या समय से पहले निकासी करने में मदद मिली। सीबीआई ने यह पाया कि संजीव कुमार ने अपनी पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन को अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया।

इस मामले ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि कैसे वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले लोग अपने पद और शक्तियों का दुरुपयोग कर समाज और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुँचाते हैं। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट की यह कार्रवाई ऐसे मामलों में कड़ी सजा का संदेश देती है, जिससे अन्य अधिकारियों को भी अपने दायित्व का पालन करते हुए ईमानदारी से कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा सके।