रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के नर्सिंग संघ के पदाधिकारी एकजुट हुए। इस बैठक में नर्सों की तैनाती को उनके गृह जनपदों में करने की मांग उठाई गई। इसके अलावा, बैठक में केंद्र और प्रदेश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों की तरह भत्तों की मांग भी जोर-शोर से की गई। नर्सिंग संघ ने चेतावनी दी कि यदि 10 अप्रैल तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन करेंगे। यह महत्वपूर्ण बैठक बलरामपुर के इमरजेंसी सभागार में आयोजित की गई थी, जिसमें प्रदेशभर से नर्सिंग संघ की वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए।
इस बैठक में नर्सिंग संघ के सदस्यों ने सामूहिक रूप से रुख अपनाया और कहा कि उनकी लंबे समय से चल रही मांगें, जिनमें मुख्य सचिव की समिति ने भी अपनी संस्तुति दी है, उन्हें जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए। उनमें से एक प्रमुख मांग यह रही कि नर्सों के पदनाम की प्रक्रिया को शासन स्तर पर शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। इसके अलावा, नर्सिंग काउंसिल में नर्सिंग संवर्ग से रजिस्ट्रार की नियुक्ति, संवर्ग का पुनर्गठन, महानिदेशालय स्तर पर उच्च पदों की पदोन्नति, बच्चों के लिए क्रेच की सुविधा, एमएससी नर्सिंग के लिए सवेतन भेजने तथा संविदा आउटसोर्सिंग को नियमित करने की मांगें भी उठाई गईं।
राजकीय नर्सिंग संघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार ने बैठक के दौरान कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के पदों को जिला स्तर पर मेडिकल कॉलेजों के गठन के बाद समायोजित किया जाना चाहिए, अन्यथा नर्सों को पहले की तरह ही कार्य करने दिया जाए जैसा कि अन्य मेडिकल कॉलेजों में हो रहा है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि 10 अप्रैल तक निदेशालय स्तर पर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो संघ प्रदेशभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
इस बैठक में विभिन्न जिलों से नर्सिंग संघ के कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे, जिनमें जितेंद्र, महेंद्र, राजेंद्र शुक्ला, राधारानी, कौशल्या गौतम और राकेश शर्मा शामिल हैं। इन सभी ने नर्सों की समस्याओं को लेकर अपनी आवाज बुलंद की और एकजुटता से काम करने का संकल्प लिया। यह बैठक नर्सों के अधिकारों और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उनके संघर्ष को और मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। नर्सिंग संघ का यह प्रयास न केवल उनकी वर्तमान स्थिति को बेहतर बनाने का है, बल्कि भविष्य में भी नर्सों के प्रति बेहतर नीतियों की दिशा में काम करने का है।