गुजरात के सूरत में कपड़ा मार्केट में एक भयंकर आग लगने की घटना ने क्षेत्र के कई राजस्थानी व्यापारियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस अग्निकांड में जलने वाली दुकानों में अधिकांश दुकानें राजस्थानियों की थीं, जिनकी मेहनत से लाखों रुपये की आर्थिक स्थिति बन गई थी। इस घटना के बाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया और प्रभावित व्यापारियों की मदद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने X पर एक पोस्ट में इस घटना की गंभीरता को दर्शाते हुए लिखा कि प्रभावित व्यापारियों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है। वसुंधरा राजे ने भी इसी विषय पर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं, जबकि अशोक गहलोत ने व्यापारियों के समर्थन में एक पोस्ट में इस ओर ध्यान आकर्षित किया कि उन्हें राज्य सरकार से सहयोग मिलना चाहिए। भाजपा हरियाणा संगठन प्रभारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल को एक पत्र लिखकर राजस्थानी व्यापारियों के नुकसान के लिए मुआवजे और आर्थिक पैकेज की मांग की है।
सतीश पूनिया ने अपने पत्र में आग लगने की घटना को 26 फरवरी 2025 की बताते हुए कहा कि इस अग्निकांड ने छोटे और मध्यम व्यापारियों की दुकानों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। यह आग इतनी विकराल थी कि इससे पूरी मार्केट में काम करने वाले कई मजदूरों का भी जीवन प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि इस घटना के कारण व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पहले भी उन्होंने 26 फरवरी को ट्वीट के माध्यम से इस मुद्दे पर आवाज उठाई थी। अब लेटर लिखकर उन्होंने अपनी इस मांग को फिर से स्पष्ट किया है।
राजस्थान राज्य के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भास्कर की खबर को ट्वीट करके ध्यान खींचा, वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भी इस मामले में पत्र भेजे हैं। सांसद पीपी चौधरी ने भी गुजरात के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रभावित व्यापारियों के लिए मदद की गुहार लगाई।
इस गंभीर घटना से संबंधित एक और बात जो सामने आई है, वह यह है कि सूरत की कपड़ा मार्केट में काम करने वाले 800 से अधिक राजस्थानी कारोबारी अब एक रात में सड़क पर आ गए हैं। उनमें से एक कारोबारी ने कहा कि वह 32 साल पहले खाली हाथ यहां आया था और इस शहर ने उसे करोड़पति बनाया था। लेकिन अब उसकी एक ही रात में सारी मेहनत बर्बाद हो गई है और वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने की चिंता में डूबा हुआ है। इस अग्निकांड ने न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि आर्थिक ताने-बाने को भी बुरी तरह चटकाया है।