आगरा में टीसीएस के भर्ती प्रबंधक मानव शर्मा के आत्महत्या मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। मानव की पत्नी निकिता शर्मा के पिता, निपेंद्र कुमार शर्मा, हाईकोर्ट पहुंचे हैं और उन्होंने एक याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने यह दावा किया है कि मानव शर्मा की आत्महत्या के मामले में उनके परिवार को फंसाने की कोशिश की जा रही है और यह मामला पूरी तरह से फर्जी है। निपेंद्र का कहना है कि उनकी बेटी और पूरा परिवार उस समय बरहन में थे और मानव की आत्महत्या के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। अब इस याचिका पर सुनवाई से पहले पुलिस को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
मानव शर्मा का शव 24 फरवरी को उनके घर पर फंदे पर लटका हुआ मिला था। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने एक वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। यह वीडियो मानव की बहन ने 27 फरवरी को देखा, जिसके बाद उसने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में निकिता शर्मा, उसके पिता, मां और बहनों को आरोपी बनाया गया था। 28 फरवरी को, निकिता अपने पिता के साथ फरार हो गई थी और तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका की जानकारी मानव की बहन आकांक्षा शर्मा को भी मिली है। उन्होंने बताया कि पुलिस को मामले से संबंधित पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराए जा चुके हैं और कई लोगों से पूछताछ भी की गई है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार के अनुसार, पुलिस की एक टीम अलीगढ़ भी गई थी। वहां यह सूचना थी कि हो सकता है निकिता अपनी मौसी के घर पर हो, लेकिन उनकी खोज में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली। निकिता के रिश्तेदारों से पूछताछ में भी उन्होंने बताया कि निकिता का उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है।
इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं, विशेषकर मानव शर्मा के आत्महत्या के कारण और उसके बाद की घटनाओं को लेकर। अब देखना यह है कि उच्च न्यायालय की सुनवाई में पुलिस क्या रिपोर्ट पेश करती है और निकिता के परिवार का क्या भविष्य है। चूंकि यह मामला सुसाइड से जुड़ा है, इसलिए इसके कानूनी पहलुओं और सामाजिक प्रभाव पर भी व्यापक चर्चा होनी चाहिए। इस प्रकार, इस मामले ने न केवल कानून विबाग को, बल्कि समाज को भी गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर किया है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन के अंत का कारण क्या हो सकता है, और इसे समाज किस प्रकार समझता है।
आगे क्या होगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा, क्योंकि यह मामला न केवल एक अपराध की स्वीकृति को प्रस्तुत करता है, बल्कि समाज और परिवारों के बीच जटिल रिश्तों को भी उजागर करता है। मानव शर्मा के केस ने ऐसे कई मुद्दों को जन्म दिया है जिन पर जिम्मेदार नागरिकों को विचार करने की आवश्यकता है।