मन्नत: सपना या उम्मीद? शाहरुख संग विनीत के 30 मिनट क्या खुलासा करेंगे?

एक्टर विनीत कुमार सिंह वर्तमान में अपनी फिल्म “छावा” के कारण चर्चा में हैं। इस फिल्म में उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज के मित्र कवि कलश का पात्र निभाया है। विनीत का करियर अत्यधिक संघर्षमय रहा है, और वे लगभग पिछले 25 वर्षों से बॉलीवुड इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। हालाँकि, उन्हें अब जाकर सही मायनों में पहचान मिलने लगी है। इससे पहले, उन्होंने फिल्म “मुक्काबाज” में कुछ ध्यान आकर्षित किया था, लेकिन बड़े पैमाने पर सफलता प्राप्त नहीं कर सके। फिल्म “गैंग्स ऑफ वासेपुर” में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था, लेकिन तब भी वे अन्य कलाकारों के साये में रह गए थे। अब “छावा” से उन्हें वह पहचान मिल रही है, जिसके वे लंबे समय से हकदार थे।

विनीत ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान इस फिल्म के प्रति मिल रहे फीडबैक के बारे में कहा कि “मैं सभी का धन्यवाद करता हूं। यह अवसर मिलने के लिए मैं बहुत खुश और आभारी हूं। मेरा सहारा देने वाले सभी डायरेक्टरों, प्रोड्यूसर्स, और मीडिया का आभार मानता हूं।” उन्होंने यह भी बताया कि “छावा” के बाद उन्हें वही प्यार मिला है, जैसा कि उन्हें “मुक्काबाज” के समय मिला था।

जब उनसे फिल्म के महत्वपूर्ण क्लाइमेक्स दृश्य के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि शूटिंग से पहले वह छत्रपति संभाजी महाराज और कवि कलश के समाधि स्थल पर गए थे। वहां बैठकर उन्होंने दोनों महान आत्माओं से आशीर्वाद लिया। विनीत ने स्वीकार किया कि इस अनुभव ने उन्हें किरदार को बेहतर तरीके से निभाने में मदद की। उन्होंने विशेष रूप से फिल्म के डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर की सराहना की और कहा कि सीन के आइडिया का श्रेय उन्हीं को जाता है।

विनीत ने विक्की कौशल के साथ अपनी जुगलबंदी के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वे “गैंग्स ऑफ वासेपुर” के समय से एक-दूसरे को जानते हैं। फिल्म की शूटिंग के दौरान वे और भी करीब आए, और एक रात में क्लाइमेक्स का दृश्य शूट कर रहे थे, जिसमें उन्हें काफी भावुकता महसूस हुई।

शाहरुख खान के बंगले “मन्नत” की यात्रा के बारे में बात करते हुए, विनीत ने कहा कि यह सिर्फ एक बंगला नहीं, बल्कि लोगों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने इसे एक जीते जागते उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जहाँ सपने सच होते हैं। शाहरुख खान ने उन्हें स्नेहपूर्वक आमंत्रित किया और व्यक्तिगत रूप से उनके साथ बातचीत की, जो विनीत के लिए एक सपने के साकार होने जैसा था।

इस वर्ष विनीत की कई फिल्में आ रही हैं, जिनमें “सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव” भी शामिल है, जो उनके जीवन की वास्तविक कहानी दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म दिखाती है कि संघर्ष के जरिए कैसे सपने पूरे किए जा सकते हैं। इसके अलावा, उनकी एक और फिल्म “जाट” भी आने वाली है, जिसे दर्शकों का प्यार मिलने की उम्मीद है।

विनीत कुमार सिंह का सफर संघर्ष और साहस की एक प्रेरणा है। उन्होंने अपने अनुभवों से यह साबित किया है कि यदि जिद्द हो, तो कठिनाइयाँ भी किसी दीवार के समान होती हैं जिन्हें पार किया जा सकता है।