छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपित अनिल मेहरोत्रा को सशर्त अग्रिम जमानत
नैनीताल, 24 अप्रैल (हि.स.)। हाई कोर्ट ने छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपति मेरठ के शिक्षण संस्थानों श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, कालका इंस्टीट्यूट फार रिसर्च एंड एडवांस स्टडीज तथा कालका इंजीनियरिंग कालेज के मालिक एवं निदेशक अनिल मेहरोत्रा को 30 हजार रुपये के निजी मुचलके और दो जमानती प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ सशर्त अग्रिम जमानत दी है। मेहरोत्रा पर छात्रवृत्ति घोटाले के अनेक आरोप हैं।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार मेहरोत्रा पर आरोप था कि छात्रवृत्ति भुगतान की जांच में 15 नाम ऐसे पाए गए जो किसी संस्थान के छात्र नहीं थे। मेहरोत्रा पर लगे आरोपों की विस्तृत जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने 2018 में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी जांच के बाद 2020 में देहरादून में मेहरोत्रा के विरुद्ध आइपीसी की धारा 420, 468, 409 , 471 और 201 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच में पाया गया कि अनिल मेहरोत्रा ने अपने संस्थानों में फर्जी दाखिले के नाम पर समाज कल्याण विभाग की ओर से ऑनलाइन दी गई छात्रवृत्ति का दुरुपयोग किया।
इसके लिए मेहरोत्रा ने चेक से 4.61 लाख और आरटीजीएस के माध्यम से 5.46 लाख रुपये समाज कल्याण विभाग में जमा कराए थे। मेहरोत्रा की ओर से दलील दी गई कि जांच के लिए आवश्यक दस्तावेज जांच अधिकारी के कब्जे में हैं और आरोप पत्र भी व दाखिल कया जा चुका है। सरकार की ओर से भी कहा गया कि मामले में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और अब मेहरोत्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने मेहरोत्रा के नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने और ट्रायल कोर्ट की स्वीकृति के बिना देश न छोड़ने की शर्त पर अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली।
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