मजार ध्वस्तीकरण मामले में कोर्ट ने मांगे दस्तावेज

मजार ध्वस्तीकरण मामले में कोर्ट ने मांगे दस्तावेज

नैनीताल, 23 अप्रैल (हि.स.)। हाई कोर्ट ने रुद्रपुर में मजार ध्वस्तीकरण मामले में ओरिजिनल वक्फ रजिस्टर कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या कोई दस्तावेज हैं जो ये साबित करें कि ये मजार है और भूमि वक्फ की है।

न्यायालय वक्फ बोर्ड से ओरिजिनल वक्फ रजिस्टर गुरुवार शाम 3 बजे कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि यदि इसका कोई सर्वे हुआ है तो उसकी रिपोर्ट भी लाएं।

हाई कोर्ट में रुद्रपुर की मजार ध्वस्तीकरण को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई थी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को मजार की मिट्टी ले जाने के लिए दो लोगों के नाम और एक जगह जहां उस मिट्टी को डाला जाएगा इसका पूरा विवरण देने को कहा था। सुनवाई के दौरान पक्षकारों ने कहा कि ये मजार दस्तावेजों में आबादी और मजार के नाम से पंजीकृत है। सुनवाई के दौरान एसडीएम किच्छा व लैंड एक्विजिशन अधिकारी यूएस नगर कौस्तुभ मिश्रा ने उपस्थित होकर जमीन की जानकारी न्यायालय को दी। उन्होंने कहा कि यह भूमि सरकारी है। न्यायालय ने याची के अधिवक्ता से सवाल किया कि क्या सरकारी जमीन में बनी दरगाह वक्फ प्रॉपर्टी हो सकती है।

मामले के अनुसार उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में इंदिरा चौक के समीप बनी सैय्यद मासूम शाह मिया और सज्जाद मियां की मजार को प्रशासन ने सोमवार तड़के बुलडोजर की मदद से हटा दिया था। इसे प्रस्तावित आठ लेन हाईवे परियोजना के निर्माण के लिए हटाया जाना बताया गया था। एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने पहले ही संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर जानकारी दी गई थी।

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