डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा सीएसआईआर के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने नौवहन परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन में एक बड़ी सफलता के रूप में भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन ईंधन समुद्री पोत की सराहना की है। वह आज यहां वैज्ञानिक और सीएसआईआर की चल रही पहलों और उपलब्धियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में सीएसआईआर निदेशालयों के सभी प्रमुख, सीएसआईआर के संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार शामिल हुए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संयुक्त प्रयास से उत्पन्न एक बड़ी सफलता बताते हुए खुलासा किया कि देश का पहला स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत बाद में हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले बड़े समुद्री जहाजों या अन्य जहाजों का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यह कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया था, जिसमें सीएसआईआर द्वारा सक्षम आधारभूत कार्य के आधार पर केपीआईटी द्वारा निर्मित हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित ड्राइवट्रेन है।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलईसेलवी ने सीएसआईआर की वर्तमान शोध गतिविधियों, हालिया तकनीकी प्रगति और उद्योग के साथ सहयोगात्मक जुड़ाव का ब्योरा पेश किया। चर्चा के दौरान मंत्री ने सीएसआईआर के वैज्ञानिक प्रयासों को प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। मंत्री ने सीएसआईआर-न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनिशिएटिव (एनएमआईटीएलआई) की सराहना की और इसे सार्वजनिक-निजी क्षेत्र में सहयोगी नवाचार की एक अनूठी मिसाल बताया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने एनएमआईटीएलआई कार्यक्रम के तहत समर्थित दो हालिया सफलताओं की विशेष रूप से सराहना की। पहला है सीएसआईआर-टेक्नोस रमन स्पेक्ट्रोमीटर (सीटीआर-300 और सीटीआर-150) का विकास और व्यावसायीकरण, जिसे सीएसआईआर-एडवांस्ड मैटेरियल्स एंड प्रोसेसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर-एएमपीआरआई), भोपाल और मेसर्स टेक्नोस इंस्ट्रूमेंट्स, जयपुर के बीच साझेदारी के माध्यम से हासिल किया गया है। जनवरी 2022 में विपणन के लिए स्वीकृत ये उच्च श्रेणी के रमन स्पेक्ट्रोमीटर भारत की वैज्ञानिक उपकरण क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। अब तक देशभर में स्वदेशी रमन स्पेक्ट्रोमीटर की ग्यारह यूनिट आपूर्ति की जा चुकी हैं, जो इस स्वदेशी तकनीक को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने की बढ़ती संख्या को दर्शाता है।
मंत्री ने कहा कि दूसरी प्रमुख सफलता उद्योग-आधारित एनएमआईटीएलआई कार्यक्रम के तहत ईंधन सेल प्रौद्योगिकी का विकास था। इस पहल में, केपीआईटी ने कम तापमान वाले पीईएम ईंधन सेल सिस्टम को विकसित करने और प्रदर्शित करने के लिए सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनसीएल) पुणे और सीएसआईआर-केंद्रीय विद्युत रासायनिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीईसीआरआई) के साथ सहयोग किया। इस सहयोग के माध्यम से विकसित विशेषज्ञता को तब से समुद्री, रक्षा और मोटर वाहन क्षेत्रों के लिए अनुप्रयोगों में ट्रांसलेट किया गया है। इस प्रयास का एक प्रमुख परिणाम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तमिलनाडु के थूथुकुडी में हरित नौका पहल के तहत देश के पहले स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत का शुभारंभ था। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित इस पोत में केपीआईटी द्वारा निर्मित हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित ड्राइवट्रेन की सुविधा है, जो सीएसआईआर द्वारा सक्षम आधारभूत कार्य पर आधारित है।
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