गुरदासपुर में रेप आरोपी पास्टर ने किया कोर्ट में सरेंडर, पीड़िता की दर्दनाक मौत!

गुरदासपुर में एक बीसीए स्टूडेंट के साथ बलात्कार के आरोपी पास्टर जश्न गिल ने बुधवार को स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। यह आरोपी करीब दो वर्षों से फरार था और उसकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी आदित्य ने डीएसपी अमोलक सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया था। पुलिस ने इस दौरान आरोपी को पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी की, जिसके दौरान उसके भाई प्रेम मसीह को जम्मू से और बहन मार्था को मोहाली से गिरफ्तार किया गया। इन दोनों को कोर्ट से रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अपने भाई और बहन की गिरफ्तारी के बाद बढ़ी हुई दबाव के चलते जश्न गिल ने अंततः गुरदासपुर की अदालत में आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।

इस मामले की शुरुआत 9 जुलाई 2023 को हुई, जब पुलिस स्टेशन दीनानगर में पास्टर जश्न गिल के खिलाफ धारा 376 और 304 ए के तहत शिकायत दर्ज की गई। आरोपों के अनुसार, जश्न गिल ने 21 वर्षीय बीसीए की छात्रा के साथ बलात्कार किया था। घटना की खबर तब परिवार को लगी जब छात्रा को अचानक पेट में तेज दर्द हुआ। गंभीर स्थिति में होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसका गर्भपात हुआ है, जो सही तरीके से नहीं किया गया था। इस स्थिति के कारण लड़की की तबियत और खराब हो गई और उसे अमृतसर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

लड़की के पिता ने 4 अप्रैल को चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे और इस मामले की उचित जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि उनके परिवार को राहत तब मिलेगी जब न्याय होगा। इस मामले ने क्षेत्र में काफी हलचल मचाई है और स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस द्वारा घटना की जांच पूरी किए जाने के बाद आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था, जिससे क्षेत्र की जनता में विश्वास बढ़ सके।

इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता के परिवार के सभी आरोपों की गंभीरता को समझा और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कदम उठाए। पास्टर जश्न गिल के आत्मसमर्पण के बाद अब यह देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या दिशा चुनती है और पीड़िता के परिवार को न्याय किस प्रकार मिलता है। इस घटना ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है, जिसे जल्द से जल्द सुधारने की आवश्यकता है।