कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं हो सकेगा नलकूप खनन

कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं हो सकेगा नलकूप खनन

नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जाएगा

धमतरी, 16 अप्रैल (हि.स.)। धमतरी जिले में औसत वर्षा से कम वर्षा होने तथा अल्पवृष्टि, खंडवृष्टि के कारण भूमिगत जलस्तर लगातार गिर रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाए गए विभिन्न पेयजल स्रोतों जैसे हैंडपंप, नलजल प्रदाय योजना, सिंगलफेस पावर पंप और सोलर योजनाओं आदि से पानी की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है।

गर्मी के मौसम में इसके और भी गहराने की संभावना को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अबिनाश मिश्रा ने छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत मिले शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण धमतरी जिले को आगामी मानसून आगमन तक अथवा 30 जून तक जलाभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। उन्होंने बुधवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि कलेक्टर की अनुज्ञा के बिना, जल अभावग्रस्त क्षेत्र में जलस्रोत से सिंचन या औद्योगिक प्रयोजन के लिए अथवा अन्य प्रयोजन के लिए जल नहीं लिया जा सकेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि धमतरी जिले में उपरोक्त अवधि में सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जा सकेगा। किन्तु शासकीय एजेंसी जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सम्पूर्ण जिले में तथा नगरपालिक निगम और नगर पंचायतों को केवल पेयजल के लिए अपने नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनूमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें केवल इस अवधि में खनन कराए गए नलकूपों की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को भेजना होगा। इस आदेश के सफल क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर मिश्रा ने प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किए हैं।

धमतरी नगर निगम सीमा के अंतर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी धमतरी को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी तरह राजस्व अनुविभाग धमतरी, कुरुद और नगरी के अंतर्गत संपूर्ण क्षेत्र के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्राधिकृत अधिकारी बनाया गया है। प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने प्राधिकृत क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार उक्त अधिनियम के उल्लंघन में नलकूप खनन पाया जाता है या जलस्रोतों का दोहन करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।