मानसून के समय दिल्ली में नहीं होगा जलभराव : प्रवेश साहिब सिंह
-जलभराव प्वाइंट्स पर विशेष निगरानी, पानी भरा तो जिम्मेदार इंजीनियर होंगे निलंबित-हर जलभराव प्वाइंट पर पंप ऑपरेटर तीन शिफ्टों में 24×7 तैनात रहेंगे
नई दिल्ली, 24 अप्रैल (हि.स.)। मानसून से पहले दिल्ली को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह के नेतृत्व में पीडब्ल्यूडी ने राजधानी को जलभराव-मुक्त बनाने के लिए जमीनी स्तर पर व्यापक रणनीति तैयार की है।
मंत्री ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि इस बार सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है— कहीं कोई लापरवाही नहीं होगी, हर प्वाइंट पर निगरानी और तय जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होेंने बताया कि लोक निर्माण विभाग के अनुसार 2023 में दिल्ली में 308 जलभराव प्वाइंट्स चिह्नित किए गए थे। 2024 में यह संख्या घटकर 194 रह गई, जिनमें से 57 प्वाइंट्स दोनों वर्षों में सामान्य रूप से चिह्नित किए गए थे। अब 2025 में ट्रैफिक पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार राजधानी में कुल 445 जलभराव प्वाइंट्स की पहचान की गई है। इनमें से 335 प्वाइंट्स की जिम्मेदारी सीधे पीडब्ल्यूडी के अधीन आती है।
मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने सभी 335 प्वाइंट्स पर असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर को स्थानीय इनचार्ज के रूप में नियुक्त किया है। इन अधिकारियों को जल निकासी व्यवस्था, उपकरणों की उपलब्धता, साइट की निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार बनाया गया है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि मानसून से पहले सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी हों।
इसके अतिरिक्त सात ऐसे जलभराव प्वाइंट्स हैं जिनकी निगरानी इंजीनियर इन चीफ द्वारा की जाएगी। इन महत्वपूर्ण प्वाइंट्स पर विशेष निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की अनदेखी या लापरवाही न हो।
प्रवेश साहिब सिंह ने यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी चिह्नित जलभराव प्वाइंट पर बारिश के दौरान पानी भरता है, तो संबंधित इंजीनियर के खिलाफ सख़्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें निलंबन भी शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि हर प्वाइंट पर प्रोजेक्ट इंजीनियर को ही “रिव्यू ऑफिसर” नियुक्त किया गया है, जो पूरी लॉजिस्टिक व्यवस्था और निगरानी की रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही, हर जलभराव प्वाइंट पर पंप ऑपरेटर तीन शिफ्टों में 24×7 तैनात रहेंगे। इन ऑपरेटरों के लिए मानसून के दौरान उसी स्थान पर अस्थायी आवास की व्यवस्था की जा रही है।
इसके साथ-साथ राजधानी में ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। दिल्ली को 35 जोन में बांटकर गाद सफाई का कार्य शुरू हो गया है। अब तक 50 किलोमीटर की नालियों की सफाई पूरी हो चुकी है और लक्ष्य है कि 31 मई तक 1400 किलोमीटर की गाद साफ करने का कार्य पूरा कर लिया जाए। सभी संबंधित एजेंसियां इस काम में समन्वय के साथ जुटी हुई हैं।
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