22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अख्तियार किया है। इससे पहले पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की बॉलीवुड में वापसी की चर्चा थी, लेकिन अब सभी पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय उस आंतकी हमले के बाद लिया गया है, जिसने एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। पाकिस्तान ने भी भारतीय फिल्मों को कई बार विवादों में घिरते हुए बैन किया है। इसमें “रांझणा”, “फैंटम”, “जॉली एलएलबी 2”, “पैडमैन”, और “रेस 3” जैसी कुल 36 फिल्में शामिल हैं। कई बार ऐसी फिल्मों पर बैन लगाया गया है, जिनमें पाकिस्तानियों को हारते हुए दिखाया गया है या हिंदू-मुस्लिम प्रेम कहानियों को दिखाने पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति रही है।
पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने विशेषकर उन फिल्मों पर एतराज़ जताया है जहां भारतीय संस्कृति या प्रतीकों को प्रमुखता दी गई है। उदाहरण के लिए, आमिर खान की फिल्म “दंगल” को बैन किया गया क्योंकि इसमें तिरंगे और राष्ट्रगान का इस्तेमाल किया गया था। इसी तरह, अक्षय कुमार की “पैडमैन” को इसलिए रोका गया क्योंकि उसमें ‘पैड’ शब्द का उपयोग किया गया था, जिसे पाकिस्तान में अनुपयुक्त मान लिया गया। “रांझणा” को बैन करते हुए कहा गया कि इसे देखने से युवाओं पर गलत असर पड़ेगा, जबकि “लाहौर” नाम की फिल्म को इसी कारण से बैन किया गया क्योंकि उसमें भारतीय खिलाड़ी के हाथों पाकिस्तानी खिलाड़ी की हार दर्शाई गई थी।
इसी प्रकार, कई भारतीय फिल्मों पर बैन के बावज़ूद पाकिस्तान में दर्शकों की दिलचस्पी कभी कम नहीं हुई। फिल्म “तेरे बिन लादेन” को इसके संवेदनशील शीर्षक के कारण बैन किया गया। पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म की रिलीज इसलिए रोक दी थी क्योंकि फिल्म के शीर्षक में ओसामा बिन लादेन का नाम संज्ञान में लिया गया था। इसके अतिरिक्त, शाहरुख खान की फिल्म “रईस” को भी बैन किया गया क्योंकि उसमें मुस्लिम समुदाय से संबंधित आपत्तिजनक कंटेंट था।
बैन के बावजूद, सामने आया है कि पाकिस्तान में कई भारतीय फिल्मों का गैरकानूनी तरीके से प्रदर्शन होता रहा है। साल 2019 के बाद जब से सभी भारतीय फिल्मों पर बैन लगा था, तब भी शाहरुख खान की “पठान” को कराची में स्क्रीन किया गया था, लेकिन जब यह बात प्रशासनिक स्तर पर आई तो तुरंत कार्रवाई की गई।
साल 2016 के उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाने का फैसला लिया था। ऐसा करना उचित माना गया था क्योंकि इससे भारतीय सिनेमा में सुरक्षा और राष्ट्रीयता से जुड़े मुद्दे उभरे। हालांकि, हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बताया कि कला और राजनीति दो अलग-अलग विषय हैं और इस पर विचार करते हुए पाकिस्तानी कलाकारों को काम करने का अवसर दिया गया।
लेकिन अब हालिया आतंकी हमले के बाद, FWICE ने एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री से साफ कर दिया है कि अगर कोई भी कलाकार पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही, उद्योग से जुड़े किसी व्यक्ति को भी बैन किया जाएगा। इस स्थिति में फवाद खान की आगामी फिल्म “अबीर गुलाल” अब भारत में रिलीज नहीं होगी, और हानिया आमिर को भी अपनी फिल्म “सरदार 3” से रिप्लेस किया जाएगा। इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा और आंतरिक विवादों के चलते कला जगत का प्रभाव काफी व्यापक होता है।