पंजाब सरकार ने राज्य की सड़कों के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक नई योजना पर काम शुरू किया है। राज्य में कुल 67 हजार किलोमीटर लंबी लिंक सड़कों का निर्माण पीडब्ल्यूडी और मंडी बोर्ड द्वारा किया गया है। इस योजना के पहले चरण में 19 हजार किलोमीटर सड़कें मरम्मत के लिए चयनित की गई हैं। इस कार्य के लिए 3500 करोड़ रुपए का भव्य बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से 2872 करोड़ रुपए सड़क मरम्मत और रखरखाव के लिए और 587 करोड़ रुपए अन्य गतिविधियों के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि इन सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी, जो अब 10 फुट से 18 फुट तक हो जाएगी।
मुख्यमंत्री मान ने सड़कों के निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पहले जब सड़क निर्माण का कार्य शुरू होता था, तो अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच कालेधन का लेन-देन होता था। अब सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक तालमेल कमेटी का गठन किया है, जिसमें ठेकेदारों और अधिकारियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह कमेटी सुनिश्चित करेगी कि ठेकेदारों को किसी भी प्रकार की रिश्वत या अनुचित मांग का सामना न करना पड़े।
सीएम मान ने यह भी कहा कि राज्य में वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे सड़कें तेजी से टूट रही हैं। इसलिए रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि सड़कें हमेशा ठीक-ठाक बनी रहें और भविष्य में उन्हें रिपेयर करने की आवश्यकता न पड़े। उन्होंने केवल मानवीय सर्वेक्षण पर निर्भरता को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करने की भी बात की। उन्होंने बताया कि AI की मदद से 540 किलोमीटर लंबी ऐसी सड़कें ज्ञात हुईं, जिनका वास्तविकता में अस्तित्व ही नहीं था, जिससे राज्य को 22226 करोड़ रुपये की बचत हुई।
इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहले कई बार ऐसी सड़कों का नाममात्र मरम्मत की जाती थी, जो केवल कागजों पर थीं। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में दो उदाहरण देकर स्पष्ट किया कि किस प्रकार जमीनी हकीकत और दस्तावेजों में फर्क होता है। उनका कहना था कि सरकार का मकसद न केवल सड़कों का निर्माण करना है, बल्कि उनके गुणवत्ता में भी सुधार करना है।
इस योजना के तहत, पंजाब सरकार ने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है, जो न केवल सड़कों की गुणवत्ता में सुधार लाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण भी स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह पहल स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि राज्य सरकार विकास के प्रति गंभीर है और आम जनता के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।