पंजाब के फरीदकोट जिले के गांव खारा में एक दुखद घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। मंगलवार दोपहर, गुरुद्वारा रामसर साहिब के सरोवर में डूबने के कारण दो चचेरे भाईयों की जान चली गई। मृतक बच्चों की पहचान लवप्रीत सिंह (बलविंदर सिंह का पुत्र) और हरमन सिंह (चढ़त सिंह का पुत्र) के रूप में हुई है। दोनों बच्चे 8वीं कक्षा के छात्र थे और उनके निधन से गांव में गहरा दुख छा गया है। ग्रामीणों ने तब से इन परिवारों के लिए आर्थिक सहायता के लिए सरकार और प्रशासन से अनुरोध किया है।
जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय घटित हुई जब गांव में एक धार्मिक पाठ का भोग समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह में बड़ी संख्या में गांववासी शामिल हुए थे। कुछ बच्चे अपने परिवारों के साथ समारोह में शामिल होने के लिए गुरुद्वारा साहिब के सरोवर के पास खड़े थे। इसी दौरान, अचानक लवप्रीत सिंह का पैर फिसल गया और वह सरोवर में गिर पड़ा। उसे बचाने के प्रयास में हरमन सिंह भी पानी में कूद गया, लेकिन दुर्भाग्यवश वे दोनों डूब गए।
जब तक ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी मिली, तब तक दोनों बच्चे सरोवर में डूब चुके थे। ग्रामीण तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे और दोनों बच्चों को बाहर निकालकर कोटकपूरा के अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधन कमेटी के सदस्य नरिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने देखा कि भोग समारोह के दौरान बच्चे शोर कर रहे थे, तब ग्रामीणों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
गांव के सरपंच जग्गा सिंह ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों बच्चे अच्छे कबड्डी खिलाड़ी थे और उनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत और गांववासी दोनों परिवारों के साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने प्रशासन और सरकार से भी अनुरोध किया है कि वे इन बच्चों के परिवारों की आर्थिक सहायता करें ताकि उनका दुःख साझा किया जा सके और उन्हें इस कठिन समय में सहारा मिल सके।
इस घटना ने केवल गांव खारा को ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। बच्चे की आकस्मिक मौत पर शोक व्यक्त करने वाले ग्रामीणों ने ऐसे हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की मांग की है। सभी ने इस दुखद घटना से सबक लेते हुए बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया है।