राजस्थान के 13 जिलों में 4 दिन की लू का प्रकोप, कुछ जगह राहत वाली बारिश!

राजस्थान में गर्मी का मौसम अपने चरम पर पहुंच चुका है, जिससे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है। मंगलवार को बाड़मेर में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जिससे वहां हीटवेव का प्रकोप भी देखा गया। इसी दौरान, उदयपुर और डूंगरपुर में मौसम में थोड़ा बदलाव आया, जहां दोपहर के बाद बादल छाने के साथ-साथ हल्की बारिश भी हुई। प्रदेश के मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में पश्चिमी राजस्थान में तापमान और बढ़ने की चेतावनी दी है।

बाड़मेर के साथ-साथ जैसलमेर में भी तापमान ने 45 डिग्री के स्तर को पार किया है। इसके अलावा फलोदी, चित्तौड़गढ़, जालोर, बीकानेर और जोधपुर जैसे कई प्रमुख शहरों में भी तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है, जो इस भयंकर गर्मी के के चलते हीटवेव के प्रभाव में आ चुके हैं। विशेष रूप से जयपुर में, अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जहां दिनभर कड़ी धूप ने लोगों को परेशान किया।

इस बीच, मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने आगामी दिनों के लिए रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है, जो 18 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि 19 अप्रैल को स्थिति में थोड़ी सुधार देखने को मिल सकता है, लेकिन इसी बीच, 16 और 17 अप्रैल को राजस्थान के कुछ जिलों में कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय हो सकता है, जो आंधी के साथ हल्की बारिश का कारण बनेगा।

दिलचस्प बात यह है कि भारतीय मौसम विभाग ने इस साल मानसून के लिए भी संभावनाएं जताई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में मानसून में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। मौसम विभाग ने हिंद महासागर में इंडियन ओशन डायपोल (IOD) की स्थिति को न्यूट्रल बताकर बारिश की अच्छी संभावना का संकेत दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य के पूर्वी साथ ही पश्चिमी हिस्सों में बेहतर बारिश होने की उम्मीद है।

राजस्थान में मौसम में बदलाव और आगामी मानसून की अच्छी संभावनाएं प्रदेशवासियों के लिए राहत की खबर है। खासकर गर्मी से परेशान लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं। इस साल की मानसून की गतिविधियां अगर ठीक रही, तो इससे सूखा और जल संकट जैसी समस्याओं से कुछ हद तक निजात मिल सकता है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए मौसम में हो रहे बदलावों का प्रभाव आगामी कृषि गतिविधियों में भी देखा जाएगा, जो किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।