शहडोलः गर्मी के सीजन में देशी फ्रिज की जमकर हो बिक्री, चंदिया के मिट्टी के बर्तन देशभर में प्रसिद्ध
शहडोल, 26 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के चंदिया के बर्तन अपनी गुणवत्ता, टिकाऊपन और सौंदर्य के लिए जाने जाते हैं। इन बर्तनों में कुल्हड़, हांडी, सुराही, दीया और अन्य पारंपरिक घरेलू वस्तुएं शामिल हैं, जिन्हें प्राकृतिक मिट्टी से तैयार किया जाता है। इनकी मांग न केवल मध्य प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी तेजी से बढ़ रही है। चंदिया के मिट्टी के बर्तन प्रदेश और देश में प्रसिद्ध है। गर्मी के मौसम में देशी फ्रिज के नाम से मशहूर इन बर्तनों की जमकर बिक्री हो रही है।
यहां के मिट्टी के बर्तन छत्तीसगढ, उडीसा सहित बिहार और गुजरात के साथ विदेशी पर्यटक अपने साथ अपने देश लेकर जाते हैं। चंदिया की मिट्टी के बर्तन मे पानी ठंडा रहता है। और प्राकृतिक तरीके से ठंडा होता है। जिला प्रशासन ने कलाकार कुम्हारों को प्रशिक्षण भी दिया। जिससे कुम्हारों ने मटका, सुराही और मिट्टी की बोतल भी बनाने लगे हैं।
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कलाकार मोती ने बताया कि ये हमारा पुराना काम है। पहले हम मटका सुराही बनाकर आसपास बेचते थे, लेकिन अब हमारे पास दूर दूर के साथ दूसरे प्रदेशो से आर्डर आते हैं। और हम आर्डर पुरा करने के साथ स्वयं भी मटका सुराही भोपाल, छत्तीसगढ़ जाते हैं। पहले हम मटका और सुराही बनाते थे। हमको जिला प्रशासन ने प्रशिक्षण दिलवाया तो हम डिजाइन वाली सुराही, बॉटल भी बनाने के साथ मिट्टी के कढ़ाई,गमला,करछी,गुल्लक भी बना कर बेचते हैं। शासन की मदद और हमारी मेहनत से हमारी आय बढ़ी है। हम लगातार व्यापर को बढ़ा रहे हैं। मटका, सुराही, बॉटल और मिट्टी से बनने वाले सामान देखने में जितने सुंदर लगते हैं, बनाना उतना ही कठिन है।
कलाकार नंदकिशोर ने बताया कि हम पहले मिट्टी लाते हैं उसके बाद उसे सुखाकर कुटाई करते हैं फिर उसको साफ़ करने के बाद मिट्टी को गीला करने के बाद चक्के में रखते हैं। चक्का पहले हाथ से चलाया जाता था। लेकिन अब मशीन से चलता है। फिर बर्तन तैयार करने के बाद कलर किया जाता है। उसको आग में पकाया जाता है।