अमित साध का बड़ा खुलासा: ‘सड़क से एक्टर बनने तक, नेपोटिज्म और ऑडियंस को नहीं दोषी’

अमित साध भारतीय फिल्म उद्योग के एक चर्चित नाम हैं, जिनकी पहचान उनकी गहन और एक्शन भूमिकाओं से होती है। उन्होंने अपने करियर में कई कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन आज वह अपने प्रयासों और धैर्य के बल पर इस मुकाम पर पहुंचे हैं। अमित का मानना है कि चाहे वह फिल्म उद्योग हो या समाज, इंसानियत की प्रमुखता होनी चाहिए। वह अपने तरीके से इस जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास करते हैं। हाल ही में उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत से अपने संबंधों के संदर्भ में चर्चा की, जिसमें उन्होंने यह कहा कि बाहरी कलाकारों को समर्थन नहीं मिलने का मुद्दा ज्यादा जटिल है।

अमित ने स्पष्ट किया कि जनता ने पहले से ही कलाकारों को बहुत समर्थन दिया है, इसलिए हर एक मुद्दे का जिम्मा उनकी ओर नहीं डाला जा सकता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आपके घर में कोई समस्या है, तो उसके समाधान की जिम्मेदारी सबसे पहले परिवार की होती है। यही बात फिल्म उद्योग पर भी लागू होती है। अगर किसी एक्टर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तो उसके सहयोग के लिए पहले इंडस्ट्री के सदस्यों को आगे आना चाहिए। उनका मानना है कि एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और समझदारी बढ़ाना बेहद जरूरी है।

जब अमित से पूछा गया कि क्या दर्शकों की आलोचना सही है यदि कोई फिल्म सफल नहीं होती, तो उन्होंने इसे फिर से एक अलग नजरिए से समझाया। उन्होंने बताया कि कभी-कभी फिल्म का प्रदर्शन दर्शकों की अपेक्षाओं से मेल नहीं खाता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दर्शक जिम्मेदार हैं। अगर कोई फिल्म चल गई, तो अच्छा, लेकिन अगली बार कुछ नया प्रयास करना चाहिए। दर्शकों की स्मार्टनेस और उनकी पसंद के बारे में उन्होंने कहा कि वे ही तय करते हैं कि कौन सी फिल्म देखनी है और कौन सी नहीं।

नेपोटिज्म पर चर्चा करते हुए, अमित ने इसे एक व्यापक दृष्टिकोण से देखा। उन्होंने कहा कि अपनी शक्ति और संसाधनों के साथ जीवन में सहायता प्राप्त करना नेपोटिज्म नहीं है, बल्कि यह जीवन की एक वास्तविकता है। हर व्यक्ति को अपनी मेहनत और प्रतिभा के आधार पर आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। अमित ने बताया कि उनका सपना किसी विशेष भूमिका को निभाना नहीं है, बल्कि इस पर ध्यान केंद्रित करना है कि जो भी कार्य प्राप्त हो, उसमें पूरी तरह से समर्पित हो सकें।

अमित ने अपनी आने वाली फिल्मों का जिक्र करते हुए कहा कि “पुणे हाइवे” उनकी एक महत्वपूर्ण फिल्म है, जो दोस्ती और दुविधा की कहानी पर आधारित है। इसके साथ ही “प्रताप” नाम की एक फिल्म भी आने वाली है, जिसमें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की कहानी दिखाई जाएगी। अमित ने इन दोनों प्रोजेक्ट्स के प्रति अपने उत्साह का इजहार किया है। अंत में, उन्होंने सफलता के अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा कि उनके लिए सफलता का मतलब धैर्य और मेहनत से आगे बढ़ना ही है।