आरक्षण, संविधान एवं डॉ अंबेडकर विरोधी इतिहास रहा है कांग्रेस का : विजय अग्रवाल
रायगढ़, 16 अप्रैल (हि.स.)। भाजपा 14 से 25 अप्रैल तक डॉ बाबा साहब का सम्मान समारोह मना रही है। इसमें प्रदेशस्तर से लेकर मंडल स्तर तक कार्यक्रम किए जाएंगे। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत आज बुधवार को जिला भाजपा कार्यालय में रायगढ़ के पूर्व विधायक व भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय अग्रवाल ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान कहा कि वह “आरक्षण हटा देंगे”, यह वही धुन है जो राहुल गांधी का परिवार नेहरू के जमाने से गाता आ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने 55 वर्षों तक देश पर शासन किया, लेकिन इस दौरान उसने अपने राजनैतिक उद्देश्यों को साधने के लिए संवैधानिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया और सामाजिक उद्देश्यों की उपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी संविधान के मूलभूत आरक्षण सिद्धांतों को सही भावना और रूप में लागू करने की राजनैतिक इच्छा शक्ति नहीं दिखाई। यहां तक नेहरू सरकार ने 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की काका कालेलकर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। नेहरू ने 1961 में मुख्य मंत्रियों को पत्र लिखकर कहा कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है। नेहरू के पदचिन्हों में चलते हुए इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालकर ओबीसी आरक्षण में देरी की। कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने 3 मार्च 1985 को एससी आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि आरक्षण के माध्यम से हमें बुद्धुओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया और 1990 में लोकसभा में आरक्षण का पुरजोर विरोध किया और मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत की, जो बाबा साहब के मूल संविधान के खिलाफ था। जामिया मिलिया (2011) और एएमयू (1981) जैसे सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थानों के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ों को आरक्षण देने से इंकार कर दिया गया। 93वें संवैधानिक संशोधन (2005) के तहत अल्प संख्यक संस्थानों को आरक्षण प्रदान करने में छूट दी गई। इस एक कदम से सैकड़ों संस्थानों से पिछड़े समुदायों के अधिकार छीन लिए गए। डॉ आंबेडकर और संविधान सभा ने संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण को मान्यता नहीं दी थी, फिर भी ओबीसी कोटा से आंध्र प्रदेश में 4 प्रतिशत, केरल में 8 प्रतिशत और तमिल नाडु में 3.5 प्रतिशत आरक्षण मुस्लिम समुदाय को देकर संविधान का उल्लंघन किया।
अग्रवाल जी ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर संविधान की आत्मा को कुचला था, 1966 से 1977 तक संविधान में 25 बार संशोधन हुआ। 42वें संशोधन में 41 अनुच्छेदों में संशोधन और 11 नए अनुच्छेद जोड़े गए। 2014 के बाद मोदी के कार्यकाल में संविधान में केवल आठ बार संशोधन हुआ था, यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर किया गया था। इनमें कुछ महत्वपूर्ण संशोधन यह थे 2017 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया गया। 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लयूएस ) के लिए आरक्षण की शुरुआत। 2019 में वित्त आयोग और संविधान की छठी अनुसूची से सम्बंधित प्रावधानों में संशोधन, 2019 में लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति आरक्षण का 10 वर्षों के लिए विस्तार किया गया। 2021 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी ओबीसी सूची में परिवर्तन करने का अधिकार प्रदान किया गया।
देश 1947 में आजाद हुआ 55 वर्षों से केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहते हुए संविधान दिवस नहीं मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 से शासकीय स्तर पर संविधान दिवस मनाना चालू किया, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में संसद के दोनों सदनों में संविधान पर चर्चा कराने का निर्णय लिया, जिसका की कांग्रेस ने विरोध किया। 2010 में जब संविधान के 60 वर्ष पूरे हुए, तो गुजरात के मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान मोदी ने संविधान गौरव यात्रा आयोजित की, जिसमें यात्रा में संविधान की प्रति को हाथी के मस्तक पर रखकर पूरे शहर में निकालकर सम्मानित किया गया। कांग्रेस ने संविधान को अपनाने के बाद 90 मौकों पर निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त करने के लिए अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया, जिससे संविधान का मजाक उड़ाया गया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के प्रयास से ही 1990 में बाबा साहब डॉ अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
कांग्रेस ने 55 वर्षों तक देश पर शासन किया है लेकिन नागरिकों को बिजली, पानी, बैंक खाते, शौचालय, घर आदि जैसी बुनियादी सेवाएं प्रदान नहीं की गईं। भाजपा सरकार ने पिछले दस वर्षों में बाबा साहब के समाजिक और आर्थिक लोकतंत्र के दृष्टिकोण को पूरा करने का प्रयास किया है।
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