प्रेग्नेंट मुस्कान पर मां का फैसला: DNA टेस्ट से सामने आएगा सौरभ का सच?

मेरठ में हाल ही में हुए सौरभ हत्याकांड में आरोपी मुस्कान की प्रेग्नेंसी का मामला चर्चा का विषय बन गया है। 5 अप्रैल को जब उसकी तबीयत बिगड़ गई, तो जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल में जांच कराने के लिए भेजा। इसकी पुष्टि 7 अप्रैल को लेडी डॉक्टर कोमल ने की। अब जेल मैन्युअल के अनुसार, मुस्कान का बच्चा जेल परिसर में उसके साथ रह सकता है, तब इस मामले पर कई सवाल उठते हैं। मुख्य रूप से, यह सवाल उठता है कि यह बच्चा किसका है और इसका पालन-पोषण कौन करेगा।

सौरभ के परिवार के सदस्य इस पूरे मामले पर अपनी चिंताएँ व्यक्त कर रहे हैं। सौरभ के भाई राहुल ने कहा कि अगर मुस्कान का बच्चा सौरभ का है, तो वे उसे स्वीकार करेंगे और उसकी देखभाल करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्कान का सौरभ के साथ संबंध अंकित करने वाली गतिविधियों के कारण वे उम्मीद नहीं रखते कि बच्चा सौरभ का होगा। उनका मानना है कि मुस्कान की हत्या के समय उसका संबंध किसी और व्यक्ति के साथ भी हो सकता था, इसलिए वह नहीं जानते कि बच्चा किसका है।

दूसरी ओर, मुस्कान के माता-पिता ने इस पर स्पष्ट रूप से नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उनकी मां कविता रस्तोगी ने कहा कि मुस्कान उनके लिए मर चुकी है क्योंकि उसने अपने पति सौरभ की हत्या की। उन्होंने यह भी कहा कि वे मुस्कान के बच्चे से कोई संबंध नहीं रखना चाहते और न ही उस पर कोई विचार व्यक्त करना चाहते हैं। वे केवल अपने दूसरे बच्चे पीहू का ख्याल रखने की बात कर रहे हैं।

वहीं, कानूनी विशेषज्ञ इस मामले में जरूरी जानकारी दे रहे हैं। मेरठ के सरकारी वकील आलोक पांडेय ने बताया कि मुस्कान को गर्भवती होने के कारण जेल में उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया कि उसकी प्रेग्नेंसी से हत्याकांड के मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दूसरे वरिष्ठ वकील अनिल बख्शी ने भी यही बात दोहराई और कहा कि मुस्कान की सज में कमी के लिए कोई आधार नहीं होगा, भले ही वह गर्भवती हो।

जेल प्रशासन की ओर से स्थिति को संभालने के उपाय किये जा रहे हैं। मेरठ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को उचित स्वास्थ्य सेवाएं और डाइट दी जाती हैं। यदि कोई समस्या आती है, तो उन्हें अस्पताल भेजा भी जा सकता है।

सीएमओ ने भी बताया कि मुस्कान के अल्ट्रासाउंड होने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस प्रकार, हत्याकांड की यह न्यायिक प्रक्रिया और साथ में मुस्कान की प्रेग्नेंसी का मामला दोनों मिलकर एक नई जटिलता पैदा कर रहे हैं। कोर्ट में अब सबूतों के आधार पर आगे की प्रक्रिया तय होगी, जबकि इस उद्योग से संबंधित अन्य परिवारों के सदस्यों की चिंताएँ भी जारी रहेंगी। यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानवता और पारिवारिक संबंधों की गहराई पर भी सवाल उठाता है।