फरीदाबाद मंडी में पांच दिन से पड़ा गेहूं, न लिफ्टिंग हुई न मिले पैसे

फरीदाबाद मंडी में पांच दिन से पड़ा गेहूं, न लिफ्टिंग हुई न मिले पैसे

फरीदाबाद, 9 अप्रैल (हि.स.)। फरीदाबाद जिले में सरकार द्वारा 72 घंटे में गेहूं की फसल का भुगतान करने का दावा एक बार फिर खोखला साबित हो रहा है। जिले की मंडियों में किसानों का गेहूं पिछले पांच दिनों से पड़ा है, लेकिन न तो अभी तक फसल की लिफ्टिंग हुई है और न ही किसानों के खातों में भुगतान पहुंचा है। इससे किसान बेहद परेशान हैं। भनकपुर गांव के किसान किशन सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी 50 क्विंटल गेहूं की फसल 2 अप्रैल को मंडी में गेट पास कटवाकर बेची थी। मंडी में गेहूं 5 दिन से रखा हुआ, लेकिन अभी तक उन्हें भुगतान नहीं मिला है। किशन सिंह का कहना है कि प्रशासन हर साल यही दावा करता है कि 72 घंटे में भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन हर बार किसानों को कई हफ्तों तक इंतजार करना पड़ता है। किशन सिंह ने बताया कि फसल बेचने के बाद भी जब समय पर पैसे नहीं मिलते, तो हमें बच्चों के स्कूल में एडमिशन कराने, खेतों में काम करवाने वाली मशीनों का किराया चुकाने और मजदूरों की मजदूरी देने में परेशानी होती है, क्योंकि सब लोग पैसे मांगने घर आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि मंडियों में गेहूं की ढेरियां लग चुकी हैं और समय पर लिफ्टिंग न होने से अनाज खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है। किशन सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा 72 घंटे में भुगतान का दावा केवल कागजों तक सीमित है। असल में ऐसा कुछ नहीं होता। उन्होंने बताया कि हर साल यही स्थिति बनती है और किसानों को 25 दिन या उससे ज्यादा समय बाद ही पैसे मिलते हैं। भुगतान की प्रक्रिया में देरी की वजह बताते हुए कहा कि जब किसान मंडी में गेहूं लाता है, तो सबसे पहले फसल को तौला जाता है और फिर बोरियों में पैक किया जाता है। इसके बाद जब तक मंडी से लिफ्टिंग का ठेका नहीं लगता, तब तक गेहूं वहीं पड़ा रहता है। लिफ्टिंग के बाद गेहूं गोदाम में जाता है, वहां से फाइल बनती है, फिर यह फाइल बैंक जाती है। बैंक से पैसे किसान के खाते में पहुंचने में 2 से 3 दिन और लगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 25 दिन लगते हैं। वहीं फरीदाबाद जिला उपायुक्त विक्रम सिंह यादव ने कहा ट्रांसपोर्ट और मजदूर का जो कॉन्ट्रैक्ट होता है, वह करवा दिया गया है और इसकी रिपोर्ट भी स्टेट कमेटी को भेज दिया गया है आज लेबर मंडियों में पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा ट्रांसपोर्ट और लेबर की थोड़ी सी दिक्कत आई थी, लेकिन इस बीच खरीद में कोई दिक्कत नहीं आई। आज से उम्मीद है कि सभी एजेंसियां अपना उठान शुरू कर देगी।