महापौर संजय पांडे ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह दीक्षारंभ केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि नई यात्रा की शुरुआत है। छात्र जीवन का हर क्षण महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यही वह समय है जब जीवन की दशा और दिशा तय होती है । शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल डिग्री पाना नहीं, बल्कि ऐसा ज्ञान और कौशल हासिल करना है, जो हमें आत्मनिर्भर बनाए और समाज को भी दिशा दे। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वर्तमान युग कौशल आधारित शिक्षा का है। यदि शिक्षा से रोजगार ही नहीं मिले या हम किसी और को रोजगार न दे सकें, तो शिक्षा अधूरी है। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा तभी सार्थक है जब वह समाज को भी लाभ पहुंचाए और आने वाले कल की मजबूत नींव रखे। उन्हाेने छात्राओं को स्वच्छता के महत्व से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने की आदत डालनी चाहिए। घरों और संस्थानों में दो डस्टबिन का उपयोग हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा स्वच्छता केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आदत बननी चाहिए।
दीक्षारंभ समारोह ने छात्राओं को न केवल शिक्षा के महत्व का बोध कराया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी ही एक सच्चे नागरिक की पहचान है। इस अवसर पर छात्राओं ने शिक्षा, अनुशासन, स्वच्छता और समाजसेवा के प्रति नई प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह दिन छात्राओं के लिए केवल औपचारिक शुरुआत नहीं, बल्कि नई सोच, नई ऊर्जा और जीवन की नई दिशा का प्रतीक बन गया।
समारोह में नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन, शिक्षा विभाग की सभापति श्रीमती कलावती कसेर, महाविद्यालय के प्राचार्य राजीव गुहे, प्रो. रंजना नाथ, योगेंद्र मोतीवाला, श्रीमती बबीता दीवान, सुनील मिश्रा, गुलाब साहू, डॉ. श्यामाचरण, भुवनेश्वर कुमार, बृजेश गौतम, गुलाबचंद, डॉ. हेमलता मिंज, डॉ. बिंदु साहू, जीविरा कोसले, तृप्ति खंगन, प्रियंका शुक्ला सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक-प्राध्यापिकाएं और छात्राएं मौजूद रहे।