ऐसे तत्वों के बल पर ही कांग्रेस, सपा और राजद अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते रहे है। अपने परिवारवादी राजनीति के ‘नए दौर’ में सपा बहादुर अखिलेश यादव, पंजा बहादुर राहुल गांधी और लालटेन के लाल तेजस्वी यादव की तिकड़ी अपने को उन विध्वंसक तत्वों का सबसे बड़ा ‘लंबरदार’ समझती है। ऐसे तत्वों को बढ़ाने के कारण ही उनकी यात्रा के दौरान यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माताजी को गाली देने का दुस्साहस किया गया। इसका बदला बिहार की जागरूक जनता आने वाले विधानसभा में ज़रूर लेगी।