अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. प्रियंका रघुवंशी ने बताया कि हादसे में मारे गए लोगों की पहचान बाबूलाल पुत्र बद्रीलाल (40), मोनू पुत्र जगन्नाथ (5), अशोक पुत्र श्रवण (22) और नरसी पुत्र नैना राम (25) निवासी थानागाजी के मेजोड गांव के रूप में हुई है। मरने वाले एक परिवार के बताए जा रहे है। मोनू का बड़ा भाई जमवारामगढ़ के दंताला स्कूल के हॉस्टल में रहता है। ये सभी लोग मोनू को उसके बड़े भाई से मिलवाने जा रहे थे। तभी एक डंपर प्रतापगढ़ से झिरी की तरफ तेज रफ्तार में आ रहा था, जबकि बाइक सवार झिरी से प्रतापगढ़ की ओर जा रहे थे। आमने-सामने की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक सवार तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और वहीं एक अन्य ने अस्पताल ले जाते दम तोडा। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। इस हादसे में बाइक भी चकनाचूर हो गई। पुलिस को सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और शवों को मोर्चरी रखवाया गया है। बाबूलाल, मोनू के ताऊ थे। हादसे के बाद डंपर चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस चालक की तलाश कर रही है।
हादसे के बाद बड़ी संख्या में आसपास के लोग जमा हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने प्रतापगढ़ (अलवर) कस्बे के थानागाजी इलाके में अलवर-जयपुर रोड जाम कर दिया। वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने रोड जाम कर दो मांगे ऱखी। गुस्साए लोगों ने एक कार सवार के साथ मारपीट भी कर दी थी। इधर मामला बढ़ता देख पुलिस उपाधीक्षक महावीर सिंह, प्रतापगढ़ तहसीलदार दाताराम गुर्जर, थानागाजी तहसीलदार मोहित पंचोली पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाने के लिए मशक्कत में जुटे। लेकिन ग्रामीण अपनी मांग को लेकर अड़े रहे। हादसे की सूचना मिलने के बाद विधायक क्रांति प्रसाद मीणा भी मौके पर पहुंचे। हालांकि विधायक व प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने रोड से जाम हटाया। ग्रामीणों ने मृतकों के परिजन को सरकारी नौकरी और ओवरलोड डंपरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी थी, जिस पर सहमति बनी गई है।