गुरुद्वारा साहिब में हुआ शहीदी जागृति यात्रा का पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत

गुरुवार की सुबह में जैसे ही पालकी साहिब साकची गुरुद्वारा पहुंची, बोले सो निहाल सतश्रीअकाल और हिन्द दी चादर, गुरु तेग बहादुर के उद्घोष से आसमान गूंज उठा। गुरुद्वारा परिसर को सुंदर ढंग से सजाया गया था। स्कूली बैंड और एनसीसी की परेड के साथ पालकी साहिब का स्वागत किया गया और पुष्पवर्षा कर संगत ने गुरु का स्वागत और अभिनंदन किया। पटना साहिब के पंज प्यारों और मुख्य ग्रंथी को सिरोपाओ प्रदान कर सम्मानित किया गया।

पटना साहिब से आए पंज प्यारे, भाई साहिब भाई दिलीप सिंह मुख्य ग्रंथी तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब, भाई भजन सिंह, भाई जरनैल सिंह, रागी जत्था भाई हरजीत सिंह, कथा वाचक भाई सतनाम सिंह, ज्ञानी हरजीत सिंह और कथा वाचक भाई हरविंदर सिंह सहित पटना साहिब से आई पूरी टीम को सम्मान और धन्यवाद ज्ञापन प्रधान निशान सिंह ने किया। इसके बाद पटना साहिब की पूरी टीम ने लंगर छका।

साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह ने इस अवसर पर कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी का बलिदान सिख धर्म ही नहीं बल्कि समस्त मानवता के लिए प्रेरणा है। यह यात्रा हमें उनके त्याग और समर्पण को याद दिलाती है, जिससे हम अपने धर्म और नैतिकता के प्रति दृढ़ रहें।

कुछ तकनीकी कारणों से पालकी साहिब का पड़ाव निर्धारित आधे घंटे के बजाय तीन घंटे तक रहा जिससे संगत को गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन तसल्लीपूर्वक करने का अवसर मिला। इस दौरान गुरु का अटूट लंगर और जलपान निरंतर चलता रहा जिसमें करीब साढ़े तीन हजार श्रद्धालुओं ने लंगर छका।

जागृति यात्रा दोपहर चार बजे अरदास के बाद अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर मंच का संचालन सुरजीत सिंह छीते ने किया जबकि प्रधान निशान सिंह सहित सतनाम सिंह सिद्धू, खजान सिंह, परमजीत सिंह काले, रबीन्द्र सिंह, बरयाम सिंह, रणधीर सिंह, सतिंदर सिंह रोमी, अजायब सिंह, प्रीतपाल सिंह, सुखविंदर सिंह निक्कू, सतनाम सिंह घुम्मण, सन्नी सिंह बरियार सहित अन्‍य कार्यकर्ता सक्रिय रहे।