सादाबाद आलू उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। आलू की बुवाई का समय शुरू हो चुका है। किसानों को डीएपी खाद की तत्काल जरूरत है। प्रदेश सरकार का दावा है कि सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्राu में डीएपी उपलब्ध है। लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। इफको और कृभको केंद्रों पर सुबह 4 बजे से ही किसानों की कतार लगना शुरू हो जाती है। महिलाएं भी घरेलू काम छोड़कर लाइन में खड़ी हो रही हैं। खेतों में बुवाई के बाद डीएपी की जरूरत है, लेकिन खाद नहीं मिल पा रही है। किसान ने बताया कि वह कई दिनों से सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। डीएपी न मिलने पर मजबूरी में कृभको केंद्र आना पड़ा। एक अन्य किसान के अनुसार समितियों में मिल रही डीएपी की मात्रा उनकी खेती की जरूरत के हिसाब से बहुत कम है।